सिवान की 183 पंचायतों में वाई-फाई सेवा के लिए नहीं लगे डिजिटल उपकरण

पंचायती राज के अखाड़े में सियासी जंग का बिगुल अभी भले ही नहीं बजा है लेकिन गांव की चौपालों में पंचायत चुनाव की धमक गूंजने लगी है। इस बीच डिजिटल पंचायत का भी मुद्दा चर्चा में है। गांवों को डिजिटल करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर आप्टिकल फाइबर केबल तो बिछा दिए गए लेकिन डिजिटल क्रांति का सपना अभी अधूरा ही रह गया है। वाई-फाई सेवा से पंचायतों के लैस ना होने की कसक अब ग्रामीण क्षेत्र की जनता को खटकने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:30 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:30 PM (IST)
सिवान की 183 पंचायतों में वाई-फाई सेवा के लिए नहीं लगे डिजिटल उपकरण
सिवान की 183 पंचायतों में वाई-फाई सेवा के लिए नहीं लगे डिजिटल उपकरण

सिवान । पंचायती राज के अखाड़े में सियासी जंग का बिगुल अभी भले ही नहीं बजा है, लेकिन गांव की चौपालों में पंचायत चुनाव की धमक गूंजने लगी है। इस बीच डिजिटल पंचायत का भी मुद्दा चर्चा में है। गांवों को डिजिटल करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर आप्टिकल फाइबर केबल तो बिछा दिए गए, लेकिन डिजिटल क्रांति का सपना अभी अधूरा ही रह गया है। वाई-फाई सेवा से पंचायतों के लैस ना होने की कसक अब ग्रामीण क्षेत्र की जनता को खटकने लगी है।

जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के सभी 283 पंचायतों में से लगभग 100 पंचायतों में डिजिटल से संबंधित सभी उपकरण लगाए जा चुके हैं। अभी भी 183 पंचायत में कार्य शुरू ही नहीं हो पाया है। जाहिर है कि डिजिटल इंडिया का नारा जिले की विभिन्न पंचायतों में हवा-हवाई बनकर रह गया है। गौरतलब हो कि पांच साल पहले ही सरकार की योजना सभी पंचायतों को वाई-फाई की सुविधा से लैस करने की थी, लेकिन डिजिटल सेवा को बढ़ावा देने की यह योजना अधिकांश पंचायतों में अब भी जमीन में दबी पड़ी है।

प्रत्येक पंचायतों के पांच सरकारी भवनों में एक साल तक देना है मुफ्त कनेक्शन :

कामन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक अमन कुमार पांडेय ने बताया कि जिले की सभी पंचायतों के पांच सरकारी बिल्डिगों में एक साल तक निशुल्क कनेक्शन देना है। इसके साथ ही निजी तौर पर भी सीएससी के जरिए कनेक्शन दिए जाएंगे। सभी इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख पूर्णरूप से कामन सर्विस सेंटर के जिम्मे दी गई है। प्रखंड स्तर पर एक सीएससी संचालक को चैंपियन बनाया गया है। प्रत्येक पंचायतों की देखरेख एक संचालक को दी गई है। इन्हीं के संचालन में प्रत्येक गांव में वाई-फाई चौपाल का आयोजन भी किया जाएगा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

वर्तमान समय में 283 में से मात्र 100 पंचायतों में ही डिजिटल उपकरण लगाए गए हैं। अभी 183 पंचायतों में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। संभवत: 15 अगस्त तक शेष बचे पंचायतों में भी उपकरण लगा दिए जाएंगे। साथ ही वाई-फाई सेवा भी शुरू कर दी जाएगी। इसको लेकर सीएसी को कार्य युद्धस्तर पर करने का निर्देश दिया गया है।

राजकुमार गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सिवान।

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