सिवान में ट्रेनों व प्लेटफार्म पर कोरोना को लेकर बेपरवाह हो रहे है यात्री

खाता ना बही जो हम करें वही सही। सरकारी सिस्टम इसी सूत्रवाक्य पर चलता है। यकीन ना आए तो जंक्शन पर जाकर प्लेटफॉर्म व ट्रेनों का हाल देख लीजिए। हकीकत सामने आ जाएगी। प्लेटफॉर्म व ट्रेन में सवार होते ही वह शारीरिक दूरी हवा हो जा रही है और नियम-कायदे भीड़ में गुम हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 05:15 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 05:17 PM (IST)
सिवान में ट्रेनों व प्लेटफार्म पर कोरोना को लेकर बेपरवाह हो रहे है यात्री
सिवान में ट्रेनों व प्लेटफार्म पर कोरोना को लेकर बेपरवाह हो रहे है यात्री

सिवान । खाता ना बही, जो हम करें वही सही। सरकारी सिस्टम इसी सूत्रवाक्य पर चलता है। यकीन ना आए तो जंक्शन पर जाकर प्लेटफॉर्म व ट्रेनों का हाल देख लीजिए। हकीकत सामने आ जाएगी। प्लेटफॉर्म व ट्रेन में सवार होते ही वह शारीरिक दूरी हवा हो जा रही है और नियम-कायदे भीड़ में गुम हो रहे हैं। ट्रेन में कोई यह देखने वाला भी नहीं कि लोग शारीरिक दूरी का पालन और मास्क का इस्तेमाल कर भी रहे हैं या नहीं।

यात्री नहीं करते शारीरिक दूरी का पालन :

नियमों व तमाम गाइडलाइन के साथ बेपटरी हुई ट्रेनें लोगों को लेकर दौड़ने लगीं। लोगों ने भी यह मान लिया कि अब कोरोना अपने आप समाप्त हो जाएगा। जंक्शन पर ऐसे कई उदाहरण रोजाना देखने को मिलते हैं, जो यह साफ दर्शाते हैं कि हम कोरोना के प्रति सिर्फ अपने घरों तक ही जागरूक हैं, बाहर निकलते ही फिर से वहीं करते हैं जिससे कोरोना के फैलने का डर बना रहता है। यही कारण है कि जंक्शन पर प्रवेश के क्रम में हम सजग रहते हैं और प्लेटफॉर्म पर जाते ही सारे नियमों को कचरे की पोटली में डाल देते हैं। शारीरिक दूरी तो दूर मास्क तक लगाना भी यात्री भूल रहे हैं। यही कारण है कि रफ्तार पकड़ रही ट्रेनों में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए शारीरिक दूरी सुस्त पड़ रही है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

ट्रेन की बोगियों में यात्रियों के बैठने की जो क्षमता तय की है, उसी के अनुसार यात्रियों को भेजा जा रहा है। स्टेशन पर लगातार शारीरिक दूरी व अन्य नियमों की जागरूकता के लिए अनाउंसमेंट कराए जा रहे हैं। साथ ही गाइडलाइन का पालन करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है।

नवनीत कुमार, स्टेशन अधीक्षक, सिवान जंक्शन।

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