सिवान में त्योहार नजदीक आते मिलावटी मिठाइयों का कारोबार शुरू

आश्विन से त्योहारों का समय प्रारंभ हो गया है। दीपावली गोवर्धन और भैया दूज जैसे त्योहार कुछ दिनों के बाद हैं। इन प्रमुख त्योहारों के दौरान लोग मिठाइयों की खरीदारी करते हैं और घर आए मेहमानों के सामने परोसते भी हैं। खासकर दीपावली पर तो मिठाइयों की खरीदारी अत्यधिक होती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:18 PM (IST)
सिवान में त्योहार नजदीक आते मिलावटी मिठाइयों का कारोबार शुरू
सिवान में त्योहार नजदीक आते मिलावटी मिठाइयों का कारोबार शुरू

सिवान । आश्विन से त्योहारों का समय प्रारंभ हो गया है। दीपावली, गोवर्धन और भैया दूज जैसे त्योहार कुछ दिनों के बाद हैं। इन प्रमुख त्योहारों के दौरान लोग मिठाइयों की खरीदारी करते हैं और घर आए मेहमानों के सामने परोसते भी हैं। खासकर दीपावली पर तो मिठाइयों की खरीदारी अत्यधिक होती है। मिठाइयों की मांग अधिक देख दुकानदार मिलावटी मिठाई की बिक्री धड़ल्ले से करना शुरू कर देते हैं। यही कारण है कि वैसी मिठाइयां जो बाजार में कुछ ही दुकानों पर दिखती हैं वो भी ग्रामीण क्षेत्र तक छोटे से लेकर बड़े दुकानों में सजी हुई पाई जाती हैं। इन मिठाइयों की गुणवत्ता के बारे में ना तो दुकानदार ही कुछ बताना चाहते हैं और ना ही खरीदार को ही मिठाई में मिलावट की भनक लगती है। वहीं विभाग इस धंधे पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है। इस कारण मिठाई दुकानदारों का मनोबल भी बढ़ा हुआ है।

रेडीमेड मिठाइयां खरीद में सस्ती, बिकती हैं महंगी

मिठाई की दुकानों में छेना से बनी मिठाइयों के अलावा कई ऐसी मिठाइयां हैं जिन्हें दुकानदार खोवा निर्मित बता कर ग्राहकों से बिक्री करते हैं। खोवा से बनी मिठाइयां देखने में आकर्षक होती हैं। ये मिठाइयों दुकानदारों को काफी सस्ते में उपलब्ध हो जाती हैं, जबकि इन्हें दुकानदार ग्राहकों से चार सौ रुपये किलो से अधिक रुपये में बिक्री करते हैं। इनका सेवन करना स्वास्थ्य को काफी हानिकारक होता है। ऐसे में जरूरी है कि मिठाई का स्वाद चखने से पहले उसकी गुणवत्ता अच्छी तरह से जांच की जाए। वरना कहीं ऐसा ना हो कि पर्व की उमंग और मिठाई की मिठास जहर घोलने का काम कर दे।

मिलावटी मिठाई से हो सकता है ये खतरा :

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन खाद्य पदार्थों में संतृप्त वसा होती है, उन्हें खाने से कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ जाता है। रक्त में एलडीएल कोलेस्ट्राल के उच्च स्तर से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही मस्तिष्क और हड्डी की बीमारी शरीर में एल्यूमीनियम के उच्च स्तर होने से ही होती है। मिलावटी मिठाईयां बच्चों में किडनी की बीमारी का खतरा पैदा करती है। हानिकारक खाद्य रंग एलर्जी के लिए जिम्मेदार होते हैं। क्या कहते हैं चिकित्सक :

लोग सस्ती मिठाइयां खरीदने के चक्कर में मिलावटी मिठाइयां खरीद लेते हैं, इनसे बचें। त्योहारी सीजन में खुले में बिकने वाली बिना साफ-सफाई वाली मिठाइयां भी ना खरीदें। एफएसएसएआइ मानक व लाइसेंस धारी दुकानों से ही मिठाइयां खरीदें।

डा. यदुवंश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, सिवान। क्या कहते हैं जिम्मेदार :

त्योहारों को लेकर हमलोग पूरी तरह से सजग हैं। जहां कही भी मिठाई में मिलावट की शिकायत मिलेगी, वहां दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। होटलों में बनने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की भी जांच की जाएगी।

रामबाबू बैठा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सिवान।

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