कृषि कानून के विरोध में भारत बंद का दिखा मिलाजुला असर
कृषि कानून को वापस लेने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को भारत बंद का जिले में मिलाजुला असर रहा। इस दौरान वामदल मसलन भाकपा माले सीपीआई व सीपीएम के कार्यकर्ताओं सहित महागठबंधन के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
सिवान । कृषि कानून को वापस लेने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को भारत बंद का जिले में मिलाजुला असर रहा। इस दौरान वामदल मसलन भाकपा माले, सीपीआई व सीपीएम के कार्यकर्ताओं सहित महागठबंधन के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
राजद कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री सह सदर विधायक अवध बिहारी चौधरी के नेतृत्व में शहर के श्रीनगर स्थित प्रखंड कार्यालय परिसर के समीप प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर भाकपा माले कार्यकर्ता विधायक सत्यदेव राम व अमरजीत कुशवाहा के समर्थन में शहर में विरोध मार्च निकाला। जबकि कांग्रेसजनों ने जिलाध्यक्ष डा. विधुशेखर पांडेय के नेतृत्व में शहर के जेपी चौक पर पहुंचकर नारेबाजी करते हुए तीनों किसान कानून को वापस लेने को केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। हालांकि पंचायत चुनाव को लेकर लगाए गए धारा 144 (निषेधाज्ञा) के कारण बंद का असर नहीं देखने को मिला। नेताद्वय ने संयुक्त रूप से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर लगातार दस महीने से किसानों के घेरा डालो- डेरा डालो का कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन केंद्र की सरकार किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, प्रस्तावित बिजली बिल को रद करने, महंगाई, बेरोजगारी पर रोक लगाने, चार लेबर कोड को रद करने जैसी मांगों को सुनने और किसानों मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय किसानों के दमन पर उतर आई है। बंद के दौरान बच्चा प्रसाद, युगल किशोर ठाकुर, जयनाथ यादव, मुकेश प्रसाद, सुरेश प्रसाद, मंजीत कौर, शीतल पासवान, विकास यादव, गणेश राम, मथुरा पंडित, गुलाम हसन मेंहदी, डा. रूदल बागी, शमीम खान, अब्दुल हमीद, गोपाल प्रसाद, हीरा लाल, बच्चा तिवारी, लीलावती गिरि, ओसीहर यादव, जिला प्रवक्ता उमेश कुमार, परवेज आलम, शिव शंकर यादव, दरोगा खान, रामाशंकर यादव, रामजन्म यादव, कृष्ण मुरारी, मकरध्वज यादव, उपेंद्र कुमार यादव, प्रेम प्रकाश यादव, हरिशंकर यादव, मो. रेयाज, दीनानाथ चौधरी, दिनेश प्रसाद, अनवर अली, सुभाष प्रसाद, बाबू जान, बबन यादव, सुधीर राम, सद्दाम हुसैन सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।