जिले की 293 पंचायतों में होगा मॉडल मिडिल स्कूल, कवायद शुरू

जिले के हर पंचायत में हाई स्कूल खोलने के बाद विभाग की ओर से मिडिल स्कूल स्तर की शिक्षा में सुधार की कवायद शुरू की जा रही है। इसके लिए हर प्रखंड के एक पंचायत में एक मिडिल स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया जाएगा। इससे बच्चों को वहां पढ़ाई की विशेष सुविधा उपलब्ध होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 10:41 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 10:41 PM (IST)
जिले की 293 पंचायतों में होगा मॉडल मिडिल स्कूल, कवायद शुरू
जिले की 293 पंचायतों में होगा मॉडल मिडिल स्कूल, कवायद शुरू

सिवान । जिले के हर पंचायत में हाई स्कूल खोलने के बाद विभाग की ओर से मिडिल स्कूल स्तर की शिक्षा में सुधार की कवायद शुरू की जा रही है। इसके लिए हर प्रखंड के एक पंचायत में एक मिडिल स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया जाएगा। इससे बच्चों को वहां पढ़ाई की विशेष सुविधा उपलब्ध होगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कदम उठाया जा रहा है। हर पंचायत में एक मिडिल स्कूल को आदर्श बनाने का कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इससे इन स्कूलों में बच्चों का अधिक से अधिक नामांकन हो सकेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतीउर रहमान ने बताया कि हर प्रखंड के पंचायत में मॉडल स्कूल बनने से बच्चों को पढ़ाई में काफी सहूलियत मिलेगी। गौर करने वाली बात है कि जिले में 293 ग्राम पंचायत हैं। वहीं पूरे जिले में 882 मिडिल स्कूल हैं। इसी में एक स्कूल हर पंचायत में चयनित किए जाएंगे। मॉडल स्कूल बनाए जाने के बाद विभिन्न नवाचारों एवं लगातार निरीक्षण के जरिए विद्यालयों में शैक्षिक स्तर की जानकारी ली जाएगी। मॉडल स्कूल में मिलेगी निम्न सुविधाएं : डीईओ ने बताया कि मॉडल बनाने के लिए चयनित स्कूलों में पर्याप्त वर्ग कक्ष होंगे। साथ ही शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होगी। स्कूल के छात्र व शिक्षक का अनुपात भी अच्छा होगा। विद्यालय में खेल के मैदान के साथ खेल की सामग्री होगी। बच्चों की पढ़ाई के लिए कंप्यूटर आदि की व्यवस्था होगी। बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से इसके लिए सर्वे भी कराया जा चुका है। बता दें कि बीईपी के राज्य कार्यालय की ओर से मॉडल स्कूल के रुप में विकसित किए जाने वाले स्कूलों की सूची पंचायतवार मांगी गई थी। क्या कहते हैं जिम्मेदार : मॉडल मिडिल स्कूल बनाने को लेकर राज्य कार्यालय को पंचावतवार स्कूलों की सूची भेज दी गई है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले शौक्षिक वर्ष में बच्चों को इसका लाभ मिल सकेगा। सरकारी स्कूल में नवाचार एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने से अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए निजी स्कूलों ना भेजकर सरकारी स्कूलों में भेजेंगे।

मोतीउर रहमान, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिवान।

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