सिवान : योग साधना ने दिलाई असाध्य रोग से मुक्ति

योगासन में शरीर मन और आत्मा को एक साथ लाने का प्रयास होता है। योगसाधना के विभिन्न आसनों से शरीर और मन को शांत व स्थिर और सुख चित्त के साथ एक ही स्थिति में अधिक समय बैठने की क्षमता विकसित की जाती है। कई लोग अस्पतालों का चक्कर काट जब इलाज से निराश हुए तो योग विद्या का सहारा लिया और असाध्य रोगों से मुक्ति पा ली।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 09:37 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:37 PM (IST)
सिवान : योग साधना ने दिलाई असाध्य रोग से मुक्ति
सिवान : योग साधना ने दिलाई असाध्य रोग से मुक्ति

सिवान। योगासन में शरीर मन और आत्मा को एक साथ लाने का प्रयास होता है। योगसाधना के विभिन्न आसनों से शरीर और मन को शांत व स्थिर और सुख चित्त के साथ एक ही स्थिति में अधिक समय बैठने की क्षमता विकसित की जाती है। कई लोग अस्पतालों का चक्कर काट जब इलाज से निराश हुए तो योग विद्या का सहारा लिया और असाध्य रोगों से मुक्ति पा ली। ब्यूटीशियन को मिली माइग्रेन से मुक्ति :

मैरवा के शिवपुर मठिया नई बस्ती की ब्यूटीशियन अर्चना सिंह माइग्रेन से दो वर्ष तक परेशान रहीं। बहुत सारी दवाओं का सेवन किया। बाद में योगासन का सहारा लिया। कपालभाति और आलोम विलोम से कुछ ही दिनों में लाभ महसूस हुआ तो हौसला और विश्वास बढ़ा। धीरे-धीरे माइग्रेन दर्द के दौरे की अंतराल बढ़ता गया और दर्द की तेजी में कमी आती गई। वे कुछ महीने से पूरी तरह ठीक हैं। स्वस्थ होने के बावजूद इन्होंने योगासन को नियमित दिनचर्या में शामिल कर लिया है। हर दिन की शुरुआत योगासन से ही होती है। कहती हैं कि इससे शारीरिक स्फूर्ति बनी रहती है और मन प्रसन्नचित्त रहता है। योग से ठीक हुआ मेरुदंड विकार :

शिवपुर मठिया के राजकुमार यादव पिछले कुछ साल से पीठ, कंधे, कमर दर्द और मेरुदंड की समस्या से परेशान थे। गांव से शहर तक कई चिकित्सकों का परामर्श ले इलाज कराया। दवा सेवन तक ही फायदा दिखता और दवा बंद होते ही रोग रंग दिखाने लगता। परेशान देख किसी ने योगासन करने का परामर्श दिया। योगगुरु की देखरेख में हलासन चक्रासन भुजंगासन धनुरासन करना शुरू किया। एक महीने में तकलीफ कम होने लगी। कुछ महीने में ही बीमारी ठीक हो गई। इसके बाद भी योगासन नहीं छोड़ा। कहते हैं कि अब योगासन स्वस्थ रहने के लिए करते हैं।

योगासन से मधुमेह को हराया :

मैरवा राजेंद्र पार्क के एक दवा व्यवसायी ने योगासन से मधुमेह रोग पर विजय हासिल की है। वह कहते हैं कि मधुमेह नियंत्रण की दवा का सेवन पिछले कई वर्षों से नहीं करते हैं। शुरू शुरू में वे इसकी दवा खाते थे। लेकिन उन्हें लगा कि इसके लिए कोई दूसरा विकल्प ढूंढना चाहिए। उन्होंने योगासन का रास्ता अपनाया। वे प्रतिदिन सुबह अपने घर पर पूजा अर्चना के बाद दो घंटे तक योगासन और आध्यात्म चितन करते हैं। बताते हैं कि ऐसा कर उन्होंने मधुमेह रोग पर पूर्ण विजय हासिल कर ली है। अब यह पूरी तरह नियंत्रण में रहता है। दवा सेवन की जरूरत नहीं होती है। क्या कहते हैं योगगुरु

'' स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याओं के निदान के लिए योग उपयोगी एवं सरल अभ्यास है। तनाव दूर करने और मन व मस्तिष्क को शांति प्रदान करने में यह काफी मददगार साबित होता है। अध्यात्म के नजरिए से देखा जाए तो यह आत्मा शुद्धि का साधन भी है। दवाओं के दीर्घकालीन सेवन और इसके कुप्रभाव से बचने का यह बेहतर विकल्प भी है। वजन घटाने, कमर दर्द में भुजंगासन और पेट संबंधी सभी बीमारियों में कपालभाति लाभ देता है। योग दिवस को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने घर पर ही योगासन करने का परामर्श देते हुए कहते हैं कि योग प्रशिक्षक से संपर्क कर वर्तमान स्थिति में वर्चुअल तरीका अपनाया जाना चाहिए।

इंद्रप्रताप सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, योग प्रशिक्षक मैरवा।

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