चमकी बुखार से निपटने में आशा-सेविका व जीविका की होगी अहम भूमिका

एईएस (चमकी बुखार) एवं मस्तिष्क बुखार (जेई) से निपटने की तैयारियों में स्वस्थ्य विभाग अभी से जुट गया है। जिले को जोन में बांटकर वरीय अधिकारियों को जवाबदेही तय की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 05:23 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 05:23 PM (IST)
चमकी बुखार से निपटने में आशा-सेविका व जीविका की होगी अहम भूमिका
चमकी बुखार से निपटने में आशा-सेविका व जीविका की होगी अहम भूमिका

सिवान । एईएस (चमकी बुखार) एवं मस्तिष्क बुखार (जेई) से निपटने की तैयारियों में स्वस्थ्य विभाग अभी से जुट गया है। जिले को जोन में बांटकर वरीय अधिकारियों को जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही प्रखंड स्तर पर अधिकारियों को नोडल पदाधिकारी बनाकर आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका आदि के साथ टैग किया जाएगा। सभी प्रखंडों का अपना वाट्एप ग्रुप बनाया जाएगा, ताकि पूरी समन्वय के साथ कार्य किया जा सके। जिले एवं प्रखंड स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्देश दिया है। साथ ही कंट्रोल रूम का नंबर आम लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यापक जागरूकता करने का निर्देश दिया है। विभाग से मिली जानकारी अनुसार चमकी बुखार को लेकर मार्च के प्रथम सप्ताह में मेगा प्रशिक्षण कैंप का आयोजन करवाना सुनिश्चित होगा, ताकि, आशा, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, जीविका आदि का उन्मुखीकरण किया जा सके। ऐसे में बीमारियों से बचाव को लेकर पूरे जिले में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में आंगनबाड़ी सेविका अपनी विशेष भूमिका निभाएंगी ताकि बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सके। क्या है चमकी व मस्तिस्क बुखार का लक्षण

- अचानक पूरे शरीर या शरीर के किसी खास अंग में ऐंठन

- मुंह से झाग निकलना, दांत पर दांत का बैठ जाना

- अचानक सुस्ती, अ‌र्द्ध बेहोशी अथवा बेहोशी

- चिउंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना

- उल्टी आने के साथ ही सांस का तेज चलना।

कहते हैं अधिकारी

चमकी बुखार से निपटने के लिए निर्देश आया है। जिस पर तैयारी की जा रही है। वार्ड व कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इससे निपटने के लिए आशा, सेविका, जीविका की भी मदद ली जाएगी।

डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, सिवान।

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