सिवान में स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी वृद्धि

नए वर्ष में स्वास्थ्य विभाग भी नई बुलंदियों को छूने को आतुर है। स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही सदर अस्पताल में मरीजों के लिए और सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मैरवा में जहां मेडिकल कॉलेज का तोहफा मिला है वहीं जीएनएम व एएनएम कॉलेज का शुभारंभ भी नए साल में हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 11:37 PM (IST)
सिवान में स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी वृद्धि
सिवान में स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी वृद्धि

सिवान । नए वर्ष में स्वास्थ्य विभाग भी नई बुलंदियों को छूने को आतुर है। स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही सदर अस्पताल में मरीजों के लिए और सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। जांच के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मैरवा में जहां मेडिकल कॉलेज का तोहफा मिला है, वहीं जीएनएम व एएनएम कॉलेज का शुभारंभ भी नए साल में हो जाएगा। इस साल कई नई योजनाएं शुरू होंगी। चिकित्सकों और अन्य कर्मियों की कार्यप्रणाली में भी सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है। किसी प्रकार से मरीजों को कोई दिक्कत न हो, ऐसी व्यवस्था करने की योजना है।

मेटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) :

सदर अस्पताल में मां और बच्चों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाएगी। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए अस्पताल परिसर में करीब 35 करोड़ रुपये खर्च कर मातृ-शिशु अस्पताल (एमसीएच) बनाया जाएगा। यहां प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की बेहतर देखभाल की जाएगी। इसमें मां और नवजात से जुड़ीं सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसमें बच्चों के लिए 100 बेड होंगे।

जानकारी के अनुसार मदर-चाइल्ड केयर वार्ड बनाया जाएगा। मातृ-शिशु से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें लेबर रूम व महिला वार्ड का एक बड़ा हॉल बनाया जाएगा। एमसीएच केंद्र में ही टीकाकरण केंद्र होगा, ताकि बच्चों को जन्म के बाद टीका लगाया जा सके।

डेडिकेटेड आंख अस्पताल :

सदर अस्पताल में आंख से संबंधित रोगों के लिए अलग अस्पताल बनाया जाएगा। डेढ़ करोड़ की लागत से बनने वाले इस अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर समेत ओपीडी कक्ष व डॉक्टरों का ड्यूटी रूम भी होगा। इसका निर्माण होने से आंख से संबंधित रोगों का इलाज बेहतर ढंग से हो सकेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। साथ ही इसके लिए स्थान को भी चिह्नित कर लिया गया है।

डिजिटल एक्सरे :

जिले के जरूरतमंद मरीजों को अब डिजिटल एक्सरे कराने के लिए अन्य शहर अथवा जिले के निजी नर्सिंग होम का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। नए साल से सदर अस्पताल में मरीजों को डिजिटल एक्सरे की सुविधा मिलने लगेगी। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। डिजिटल एक्स-रे गंभीर बीमारियों का आसानी से पता चल सकेगा। रिपोर्ट भी मरीजों को 15 मिनट में मिल जाएगी। सदर अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन को इंजीनियरों की टीम द्वारा इंस्टॉल भी कर दिया गया है। इतना ही नहीं सदर अस्पताल के अलावा महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल और मैरवा, रघुनाथपुर व सिसवन रेफरल अस्पताल में भी जल्द ही इसकी सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। सदर अस्पताल के अलावा अनुमंडलीय अस्पताल व रेफरल अस्पतालों में डिजिटल एक्सरे मशीन लग जाने से मरीजों को काफी सुविधा होगी।

डायलिसिस यूनिट :

किडनी के रोगियों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। किडनी के रोगियों को अब बाहर डायलिसिस के लिए नहीं जाना पड़ेगा। इसको लेकर विभागीय स्तर से मंजूरी भी मिल गई है। सदर अस्पताल में डायलिसिस यूनिट खुल जाने से वैसे गरीब मरीजों को ज्यादा लाभ होगा, जो अन्य दूसरे जिलों में जाने को मजबूर होते हैं।

दो सहायक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र :

जिले में दो प्राथमिक सहायक केंद्र खोलने का प्रस्ताव भी पारित हो गया है। जानकारी के अनुसार सिसवन प्रखंड के चैनपुर व रघुनाथपुर प्रखंड के खुजवां में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने लगेगी।

तीनों रेफरल अस्पतालों के लिए नया भवन :

जिले में संचालित तीन रेफरल अस्पतालों का नया भवन बनाया जाएगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारी भी की जा रही है। बता दें कि जिले में मैरवा, सिसवन व रघुनाथपुर में रेफरल अस्पताल है। इन अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा नए स्तर पर भवन बनाने की तैयारी चल रही है। नया भवन बन जाने से मरीजों का इलाज और ही बेहतर ढंग से होने लगेगा।

सीटी स्कैन :

बीमारी का इलाज किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी भरा होता है। खासकर जब डॉक्टर सीटी स्कैन कराने की सलाह दें तो मरीज की जेब पर पांच से सात हजार का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है। इस कारण गरीब आदमी सीटी स्कैन कराने से कतराता है, लेकिन जिलेवासियों को बहुत जल्द ही सीटी स्कैन की सुविधा मिलने लगेगी। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा हो जाने से मरीजों व उनके परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा और कम कीमत पर सुविधा मिल सकेगी। डॉक्टरों को भी मरीजों के बेहतर इलाज में मदद मिल पाएगी।

आरटीपीसीआर टेस्टिग सेंटर :

कोरोना के संदिग्धों को आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट के लिए दस-दस दिनों का इंतजार करना पड़ता है। जिले में अभी एंटीजन टेस्ट और ट्रूनेट जांच की सुविधा ही उपलब्ध है। इसकी रिपोर्ट तुरंत दे दी जाती है, लेकिन पटना लैब से रिपोर्ट में हो रही देरी के कारण संदिग्ध मरीज को काफी परेशानी हो रही है। इसको ध्यान में रखते हुए सदर अस्पताल में जल्द ही आरटी पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेश चेन रिएक्शन) से कोविड 19 की जांच जिले में ही करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आटीपीसीआर मशीन लगाई जाएगी। इससे कोरोना जांच का दायरा और बढ़ जाएगा।

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