सिवान में सरयू के घाटों पर जल रहीं चिताएं

कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई उसी तरह से इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नदी किनारे बने श्मशान घाट पर धधकती चिताओं को देख लोग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि किस तरह से लोगों की कोरोना से मौत हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 09:14 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 09:14 PM (IST)
सिवान में सरयू के घाटों पर जल रहीं चिताएं
सिवान में सरयू के घाटों पर जल रहीं चिताएं

सिवान । कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई उसी तरह से इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नदी किनारे बने श्मशान घाट पर धधकती चिताओं को देख लोग यह अंदाजा लगा रहे हैं कि किस तरह से लोगों की कोरोना से मौत हो रही है। जिले के सिसवन और गुठनी सहित दरौली में सरयू नदी का प्रवाह होता है। नदी किनारे बने मुक्तिधाम घाट पर लोग अपनों का अंतिम संस्कार करते हैं। कोरोना काल के पहले यहां अमूमन एक से दो या ज्यादा से ज्यादा आधा दर्जन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार होता था, लेकिन अब यहां सुबह से लेकर शाम तक हर एक घंटे पर या कुछ अंतराल पर लोग शवों को लेकर पहुंच रहे हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों की मौत कोरोना से हुई है लेकिन ज्यादातर लोगों की मौत का कारण सांस लेने में तकलीफ बताई जा रही है। कठिया बाबा समीप श्मशान घाट पर 22 शवों का अंतिम संस्कार

संसू, सिसवन ( सिवान) : सिसवन के कठिया बाबा के पास सरयू नदी के तट स्थित श्मशान घाट पर इन दिनों शवों को लेकर आने वालों की भीड़ देखने को मिल रही है। बुधवार को को शाम छह बजे तक 22 शव आए थे। इनमें से पांच से छह शव स्थानीय थाना के थे, जबकि शेष सारण के रसुलपुर थाना क्षेत्र के शिवरी मठिया, दारौंदा थाना,एमएच नगर थाना के विभिन्न गांवों के थे। बुधन बांसफोड़ ने बताया कि दो माह पहले तक दिन में दो से तीन शव आते थे, लेकिन जब से कोरोना का प्रकोप बढ़ा है तब से शवों की संख्या में बेहताशा वृद्धि हुई है। प्रत्येक दिन 20-25 शव घाट पर जलाने के लिए आ रहे हैं। शवों की अचानक इतनी वृद्धि देखकर अब हमलोगों को भी डर लगने लगा है। उन्होंने सरकार से शवों को जलाने के लिए समुचित व्यवस्था करने की मांग की। कहा कि हमलोगों को शव जलाने के बाद बार बार नदी में नहाना पड़ रहा है।

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दो बेटियों ने दिया पिता को कंधा, शव को लेकर पहुंचीं सरयू नदी

-ग्यासपुर सरयू तट पर प्रतिदिन 12 से 20 शवों का हो रहा दाह संस्कार

-कोविड संक्रमित के शव को जलाने के लिए नहीं है कोई व्यवस्था

संसू, गुठनी(सिवान) : थानाक्षेत्र के ग्यासपुर स्थित पवित्र सरयू नदी तट पर प्रतिदिन 12 से 20 शवों का दाह संस्कार हो रहा है और अधिकांश शव तो पूर्ण रूप से जल ही नहीं पा रहे है। गुरुवार को पटना से एक शव को परिजन लेकर आये जिसमें महिलाएं थीं और बेटी ने स्ट्रेचर पर अपने पिता को कंधा दिया और पैतृक गांव से दो लोगों संग पिता का अंतिम संस्कार किया। गुठनी के विसुनपुरा गांव निवासी की मौत कोरोना संक्रमण से पटना में हो गयी थी, परिजनों द्वारा पैतृक गांव में दाह संस्कार करने का निर्णय लिया गया और अस्पताल से शव को लेकर एम्बुलेंस द्वारा सीधे ग्यासपुर स्थित सरयू तट पहुंचे और बिना किसी संबंधी के इंतजार के उनकी पत्नी और बेटी ने दाह संस्कार किया। ग्यासपुर सरयू तट पर यह पहला मामला नहीं है। यहां प्रतिदिन बाहर से शव लाये जा रहे हैं और जलाए जा रहे हैं किसी को कंधा नहीं तो किसी को मुखाग्नि नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों के अनुसार ग्यासपुर स्थित सरयू तट पर प्राचीन काल से शव का दाह संस्कार होता आया है पर अभी जिस तरह से शवों को जलाया जा रहा है ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा गया। ग्रामीणों का आरोप था कि यहां कोविड संक्रमण से जान गंवाने वालों के शवों को बिना किसी सुरक्षा के जलाया जा रहा है। प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

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