सिवान के बसंतपुर आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय को सुविधाओं की दरकार

बसंतपुर के आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय से कई विभूति पैदा हुए हैं। राज्य और देश के स्तर पर इन विभूतियों ने इस विद्यालय का नाम रोशन किया है। आज की तारीख में यह विद्यालय कई सुविधाओं की अपेक्षा रखता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 09:30 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 09:30 PM (IST)
सिवान के बसंतपुर आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय को सुविधाओं की दरकार
सिवान के बसंतपुर आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय को सुविधाओं की दरकार

सिवान। बसंतपुर के आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय से कई विभूति पैदा हुए हैं। राज्य और देश के स्तर पर इन विभूतियों ने इस विद्यालय का नाम रोशन किया है। आज की तारीख में यह विद्यालय कई सुविधाओं की अपेक्षा रखता है। एक विभूति ऐसा भी

राज वल्लभ सिंह इस विद्यालय के छात्र भी रहे है और पूर्व प्रधानाध्यापक भी। प्रधानाध्यापक बनने पर दिशा और दशा में परिवर्तन कर उच्च गरिमा स्थापित करने में कामयाब रहे। अवकाश ग्रहण के बाद भी निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने, गरीब छात्रों की मदद करने का जज्बा उनमें था। 1978 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी ने उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा था। भगवानपुर प्रखंड के सुघरी निवासी मुनि सिंह के घर जन्मे राज वल्लभ बाबू ने 1951 में एक शिक्षक के रूप में अपनी शुरुआत की। फिर 1959 में प्रधानाध्यापक बने और 1971 में आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के रूप में योगदान किए और गुरु-शिष्य परंपरा और अनुशासन की नींव रखी, जो आज भी कायम है। 1995 में इसी विद्यालय से अवकाश ग्रहण किया। वे गरीब छात्रों की मदद और निशुल्क शिक्षा की मशाल जलाते रहे और एक जून 2015 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। विद्यालय के अन्य छात्र जिन्होंने नाम किया रोशन :

बसंतपुर विधानसभा के प्रथम विधायक डा. हरिकिशोर प्रसाद इसी विद्यालय के छात्र थे। पूर्व मंत्री एवं समाजवादी नेता सभापति सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व सांसद व कांग्रेस अध्यक्ष मुंदर शर्मा, रहीमपुर खगड़िया संस्कृत महाविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. रामनाथ सिंह, पटना कालेज के विभागाध्यक्ष प्रो. बच्चू सिंह, इंजीनियर गोरख सिंह, योगी अखबार के संपादक ब्रज शंकर वर्मा, चाईबासा के पूर्व सीएस केके शरण इसी विद्यालय के छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक सत्यदेव सिंह, पूर्व प्रखंड प्रमुख डा. हरिद्वार प्रसाद, पूर्व प्राचार्य दिनेश चंद्र वर्मा, शिकागों में कार्यरत वैज्ञानिक सौरभ प्रियदर्शी इस विद्यालय के छात्र रह चुके हैं।

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