सिवान में नाबालिग व अनट्रेंड दौड़ा रहे ई-रिक्शा

सिवान शहर में नाबालिग अप्रशिक्षित और गैर जिम्मेदार ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही से एक तरफ जहां यातायात व्यवस्था ध्वस्त हुई है वहीं दूसरी ओर दिनोंदिन दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। हैरत की बात यह है कि यातायात नियमों की अनदेखी खुलेआम ई-रिक्शा व आटो चलाने वाले नाबालिगों द्वारा की जा रही है। ज्यादातर ई-रिक्शा को चलाने वाले नाबालिग हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:28 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:28 PM (IST)
सिवान में नाबालिग व अनट्रेंड दौड़ा रहे ई-रिक्शा
सिवान में नाबालिग व अनट्रेंड दौड़ा रहे ई-रिक्शा

सिवान । सिवान शहर में नाबालिग, अप्रशिक्षित और गैर जिम्मेदार ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही से एक तरफ जहां यातायात व्यवस्था ध्वस्त हुई है, वहीं दूसरी ओर दिनोंदिन दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। हैरत की बात यह है कि यातायात नियमों की अनदेखी खुलेआम ई-रिक्शा व आटो चलाने वाले नाबालिगों द्वारा की जा रही है। ज्यादातर ई-रिक्शा को चलाने वाले नाबालिग हैं।

आटो व ई रिक्शा चालकों द्वारा अधिक से अधिक सवारियों को बैठाने की होड़ में ये सारे नियमों को ताक पर रख रहे हैं। नाबालिग चालक बीच सड़क पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं। इस कारण जाम की समस्या उत्पन्न होती है। वहीं इनकी रफ्तार भी मानक से ज्यादा रहती है। बता दें कि केंद्र सरकार की पहल पर शहर में प्रदूषण स्तर कम करने और बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए ई-रिक्शा का संचालन शुरू किया गया, लेकिन इसके लिए ना तो कोई नियम ही बनाया गया, ना ही रूट का निर्धारण और ना ही किराये की दर ही निर्धारित की गयी। ड्राइविग लाइसेंस अनिवार्य होने के बावजूद अब भी ज्यादातर ई-रिक्शा चालकों के पास लाइसेंस नहीं है। कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए बैठाते हैं सवारियां : ई-रिक्शा के संचालन से जहां एक ओर आवागमन की सुविधा प्राप्त हुई है। वहीं अनेक परेशानियां भी सामने आई हैं। वहीं आटो रिक्शा या सवारी गाड़ियों में कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी मास्क है, जरूरी की गाइडलाइन जारी की गई है, लेकिन ई-रिक्शा व आटो चालक अधिक कमाई के लालच में इसका पालन नहीं कर रहे हैं। चार सवारियों की जगह छह से सात सवारियां बैठाकर शहर की सड़कों पर फर्राटे मार रहे हैं। इससे जहां लोगों को असुविधा हो रही है, वहीं नाबालिग अप्रशिक्षित ई-रिक्शा व आटो चालकों से सवारियों पर जान का खतरा भी बना रहता है। क्या कहते हैं जिम्मेदार : अभिभावक जब जागरूक होंगे तभी पुलिस भी अपना काम कर सकती है। पैरेंट्स को चाहिए कि नाबालिगों के हाथों में वाहन ना दें। समय-समय पर वाहन चेकिग अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। हालांकि इसको लेकर पुन: अभियान चलाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। शाहजहां खां, यातायात प्रभारी, सिवान ----- शहर में अभियान चलाकर नाबालिग ई-रिक्शा चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। नाबालिगों के हाथों में ई-रिक्शा की स्टेयरिग रहने से आए दिन दुर्घटना होती रहती है। साथ ही अभिभावकों को भी चाहिए कि नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति ना दें। प्रमोद कुमार, प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी, सिवान।

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