सिवान सदर अस्पताल समेत तीन जगहों पर कोविड 19 वैक्सीनेशन को ले चला ड्राइ रन
कोविड 19 वैक्सीनेशन को लेकर सदर अस्पताल समेत तीन केंद्रों पर शुक्रवार को ड्राई रन (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में ड्राई रन के लिए आइसीयू वार्ड को सेंटर बनाया गया था।
सिवान । कोविड 19 वैक्सीनेशन को लेकर सदर अस्पताल समेत तीन केंद्रों पर शुक्रवार को ड्राई रन (मॉक ड्रिल) का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में ड्राई रन के लिए आइसीयू वार्ड को सेंटर बनाया गया था। वहीं दूसरी ओर महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हुसैनगंज में वैक्सीनेशन को लेकर सेंटर बनाया गया था। सदर अस्पताल में ड्राई रन का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, एसएमओ डा. शैली गोखले, डीपीसी इमामुल होदा व अस्पताल प्रबंधक देवेंद्र सिंह बघेल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हुसैनगंज में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. प्रमोद कुमार पांडेय की देखरेख में किया गया। वैक्सीनेशन को लेकर सुबह से ही तीनों केंद्रों पर चहल पहल बढ़ गई थी। सीएस डा. यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि कोविड 19 वैक्सीनेशन को लेकर बनाए गए तीनों सेंटरों पर वैक्सीन का ड्राई रन किया गया। यह प्रक्रिया वैक्सीन देने की प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास था। इस दौरान गाइडलाइन का पालन करते हुए वैक्सीन देने के प्रत्येक चरणों का निर्वहन किया गया। बताया कि पूर्वाभ्यास या ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोविड-19 टीकाकरण को रोल-आउट करने के लिए निर्धारित तंत्रों के साथ परीक्षण करना, •िाला या प्रखंड स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके संधारण के लिए को-विन पोर्टल के उपयोग व उसके परिचालन का आकलन करना है। बता दें कि ड्राइ रन के दौरान सदर अस्पताल में सबसे पहला टीका अस्पताल प्रबंधक एसरारुल हक को लगाया गया।
ट्रायल के लिए केंद्र में बनाए गए तीन रूम :
जानकारी के मुताबिक, ट्रायल के लिए केंद्र में तीन रूम बनाए गए थे। जहां सबसे पहले रूम में टीका लेने वालों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। दूसरे रूम में टीकाकरण का मॉक ड्रिल पूरा किया गया। फिर तीसरे कमरे में टीका लेने वालों को कम से कम आधे घंटे और सामान्य तौर पर 50 मिनट तक नजर बनाए रखा गया। इस दौरान किसी को दिक्कत आने पर उसे तत्काल कैसे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, इसका भी ट्रॉयल पूरा किया गया।
वैक्सीनेशन के बाद मरीज की तबीयत बिगड़ने पर भी मॉक ड्रिल :
तबीयत खराब होने की स्थिति में तत्काल मरीज को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वार्ड में ले जाया गया, जहां उन्हें ऑक्सीजन और अन्य सुविधा उपलब्ध कराई गई। टीकाकरण के लिए बूथ अस्पताल परिसर में ही बनाया गया था और भविष्य में भी ऐसा होगा, इसलिए मरीज को तुरंत बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा दी गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए मॉक ड्रिल पूरा किया गया।
प्रत्येक केंद्र पर चयनित 25 स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया टीका :
सीएस ने बताया कि ड्राइ रन में प्रत्येक केंद्र पर इनरॉल 25 स्वास्थ्यकर्मियों को चुना गया था। उन्हें एक मैसेज भेजा गया कि जिसमें उनके टीके के स्थान, वैक्सीन की कंपनी, दिन तथा एएनएम की जानकारी थी। तय समय पर पहुंचने पर तीन कमरों वाले वैक्सीनेशन सेंटर के पहले कमरे में उनके हाथ धोने की व्यवस्था थी। दूसरे में उनके पहचान पत्र का मिलान को-विन पोर्टल से किया गया। वहीं तीसरे कमरे में उन्हें टीके का पूर्वाभ्यास किया गया। टीका पड़ने के बाद आधे घंटे तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गयी। पोर्टल पर डेटा को भरा गया ताकि फिर 28 दिन बाद उन्हें उसी कंपनी का टीका पड़ सके।
सुपरविजन के लिए टीम का किया गया था गठन :
डीपीएम ठाकुर विश्व मोहन ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान तीनों टीकाकरण स्थल पर सुपरविजन के लिए एक एक टीम का गठन किया गया था। टीम के द्वारा मॉक ड्रिल के दौरान सभी कार्यों की गहनता से सुपरविजन किया गया। ड्राई रन के दौरान टीकाकरण से रिएक्शन होता है तो उससे निपटने के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गयी थी। इसके लिए हर टीकाकरण स्थान पर एडवरस इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन टीम तैनात थी। हर टीकाकरण सत्र पर एक एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी थी। ताकि जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल तक ले जाया जा सके। ड्राइ रन के दौरान टीके को कोल्ड चेन प्वाइंट से केंद्र तक लाने एवं टीकाकरण की तमाम प्रक्रिया को व्यवहार और प्रयोग के तौर पर परखा गया। इस दौरान वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए निर्धारित तापमान की जांच तथा वैक्सीन को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने की तैयारियों का आकलन किया गया।