तिलक की जगह पहुंचा राजन का शव, शादी की खुशियां गम में बदली

असांव थानाक्षेत्र के शिवरी मठिया गांव में तिलक के दिन ही अर्थी उठ गई। मंगलवार को शव पहुंचते ही मंगल गीतों की जगह चीख-पुकार मच गई। घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि असांव थानाक्षेत्र के शिवरी मठिया निवासी मास्टर गिरि के पुत्र राजन गिरि उर्फ पुतुल गिरि का मंगलवार को तिलक व 30 नवंबर को बारात जानी थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:41 PM (IST)
तिलक की जगह पहुंचा राजन का शव, शादी की खुशियां गम में बदली
तिलक की जगह पहुंचा राजन का शव, शादी की खुशियां गम में बदली

सिवान । असांव थानाक्षेत्र के शिवरी मठिया गांव में तिलक के दिन ही अर्थी उठ गई। मंगलवार को शव पहुंचते ही मंगल गीतों की जगह चीख-पुकार मच गई। घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि असांव थानाक्षेत्र के शिवरी मठिया निवासी मास्टर गिरि के पुत्र राजन गिरि उर्फ पुतुल गिरि का मंगलवार को तिलक व 30 नवंबर को बारात जानी थी। घर के लोग व नातेदार रिश्तेदार सभी शादी की तैयारियों में जुटे थे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। दो दिन पूर्व यानी रविवार को यूपी के कन्नौज में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुई सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मंगलवार को तिलक की जगह युवक का शव पहुंचते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। मां कमला देवी, पिता मास्टर गिरि समेत अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। स्वजनों के चीत्कार से शादी की खुशियां काफूर हो गईं। आसपास के ग्रामीण स्वजनों को ढांढ़स बंधा रहे थे। ज्ञात हो कि मृतक राजन गिरि दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। छठ के एक दिन पूर्व ही घर आया था। अपने दोस्तों को शादी में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र लेकर वह सड़क मार्ग से दिल्ली जा रहा था। रविवार को कन्नौज में बस से उतरने के बाद वैगनआर कार में सवार होकर वह दिल्ली के लिए निकला ही था। ज्योही कार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर तिर्वा कोतवाली के फगुहा भट्ठा के पास पहुंची ही थी कि चालक को झपकी आई और कार ने सड़क पर खड़ी ट्रक में जोरदार टक्कर मार दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि राजन गिरि की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कार में सवार अन्य चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

तीन भाई व एक बहन में सबसे छोटा था राजन :

राजन कुमार गिरि उर्फ पुतुल गिरि तीन भाई व एक बहन में सबसे छोटा था। बड़ा भाई राकेश गिरि सीआरपीएफ में कोलकाता में नौकरी करता है जो अपने परिवार के साथ रहता है, और दूसरा भाई प्रकाश गिरि गांव में ही माता पिता के साथ रहता है।

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