सिवान में मरीज को थमा दिया गया ऑक्सीजन का खाली सिलेंडर

कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में शासक और प्रशासक से लेकर आम जनता तक डटे हुए हैं। एहतियात बरतते हुए इस परिस्थिति का सभी सामना कर रहे हैं। सबको अपने स्वास्थ्य की चिता है। कोरोना संक्रमण से मौत की घटना लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में अस्पतालों में व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के प्रशासनिक दावे रोज किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:57 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:57 PM (IST)
सिवान में मरीज को थमा दिया गया ऑक्सीजन का खाली सिलेंडर
सिवान में मरीज को थमा दिया गया ऑक्सीजन का खाली सिलेंडर

सिवान। कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में शासक और प्रशासक से लेकर आम जनता तक डटे हुए हैं। एहतियात बरतते हुए इस परिस्थिति का सभी सामना कर रहे हैं। सबको अपने स्वास्थ्य की चिता है। कोरोना संक्रमण से मौत की घटना लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में अस्पतालों में व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के प्रशासनिक दावे रोज किए जा रहे हैं। इसकी हकीकत जानने के लिए जागरण टीम मंगलवार को मैरवा रेफरल अस्पताल पहुंची। ऑन द स्पॉट जो कुछ दिखा वह चौंकाने वाली बातें थीं। कुछ दवाओं की कमी की बात सामने आई तो स्वास्थ्य कर्मियों की कुछ लापरवाही भी दिखी।

पूर्वाह्न 9:30 बजे

रेफरल अस्पताल के पुरुष अंत:कक्ष के सभी बेड खाली पड़े थे। वहां सन्नाटा छाया हुआ था। इस का दरवाजा आधा खुला था। वहीं महिला अंत:कक्ष में एक अधेड़ महिला मरीज बेड पर बेसुध पड़ी थी। वहां मौजूद उसकी पुत्र वधू मोबाइल पर किसी से रो-रोकर बातें कर रही थी। वह अस्पताल का हाल बयान करते हुए किसी सगे संबंधी को अस्पताल बुला रही थी। महिला के बेड के पास ऑक्सीजन सिलेंडर रखा था। उसका नोजल उसके बेड पर रखा था। पूछने पर महिला ने बताया कि जो सिलेंडर दिया गया है उसमें ऑक्सीजन नहीं है। मरीज शांति देवी (50 वर्ष) थीं, जो धमौर से इलाज को अस्पताल आई थी।

पूर्वाह्न 9:45 बजे

जागरण टीम अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक के कक्ष पर पहुंची तो गेट में ताला लटक रहा था। पूछने पर जानकारी मिली कि उनका प्रतिनियोजन सिवान कर दिया गया है। इस समय स्वास्थ्य प्रबंधक के प्रभार में ब्लॉक कम्यूनिटी प्रबंधक (बीसीएम) हैं, लेकिन उनकी तबीयत खराब है। अस्पताल के तीन चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेट हैं। प्रभारी समेत सिर्फ दो चिकित्सक के भरोसे एक सप्ताह से अस्पताल चल रहा है।

पूर्वाह्न 10:00 बजे

टीम रेफरल अस्पताल के प्रथम तल पर पहुंची। वहां कोविड-19 वैक्सीनेशन का काम चल रहा था। लैपटॉप के सामने स्वास्थ्यकर्मी मनोरंजन ओझा थे और उनके आसपास शारीरिक दूरी बनाकर करीब दो दर्जन से अधिक लोग कुर्सी पर बैठे हुए थे। सभी टीका लेने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। हरिराम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह, स्टेशन मास्टर रूपेश कुमार जायसवाल, नई बाजार की छत्रपति देवी, विद्यावती देवी समेत कई लोग इनमें शामिल थे। उस समय तक 24 लोगों को टीका दिया जा चुका था।

पूर्वाह्न 10:15 बजे

अस्पताल के एक्सरे कक्ष में ताला लटक रहा था। अस्पताल में एक्स-रे का कार्य बंद पड़ा हुआ है। मरीजों को एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड बाहर से कराना पड़ता है। एक्स-रे ऑपरेटर नहीं है। मरीजों को नाश्ता और भोजन की व्यवस्था भी नहीं थी। पूछने पर मालूम हुआ कि यह व्यवस्था ऊपर से ही होनी है। सामान्य टीका का कार्य एक कमरे में एएनएम द्वारा चल रहा था। कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने और एंटीजन से जांच करने का काम एएनएम प्रशिक्षण केंद्र भवन में चल रहा था।

पूर्वाह्न 10:30 बजे

ओपीडी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उषा कुमारी सिंह बैठी थीं। सामने वेटिग रूम में दो तीन मरीज बैठे थे। बगल की खिड़की पर कुछ मरीज निबंधन करा रहे थे। इनमें अधिकांश कोविड-19 जांच कराने पहुंचे थे। डॉ. उषा सिंह के मुताबिक उस समय तक 12 मरीजों को देखा गया था। उन्होंने बताया कि इस समय मरीज कम आ रहे हैं। मरीजों में ज्यादातर सर्दी, खांसी, बुखार और कोरोना के लक्षण वाले ही आ रहे हैं। वही इनडोर की महिला मरीज के बारे में पूछने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उन्होंने बताया कि मरीज अभी आई हैं। सिलेंडर में गैस उपलब्ध है। स्वास्थ्य कर्मी को ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि दवा भी उपलब्ध है और जो दवाएं कम है उसे मंगाने के लिए सिवान कर्मी को भेजा गया है।

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