सिवान के स्कूलों में कैचअप कोर्स पर छाए कोरोना संकट के बादल
जिले के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के स्कूलों में कोरोना संक्रमण काल में लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए कैचअप कोर्स की शुरुआत होनी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जारी गाइडलाइन और स्कूलों को बंद रखने का निर्देश देने के बाद अब कैचअप कोर्स की पढ़ाई पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
सिवान । जिले के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर के स्कूलों में कोरोना संक्रमण काल में लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए कैचअप कोर्स की शुरुआत होनी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जारी गाइडलाइन और स्कूलों को बंद रखने का निर्देश देने के बाद अब कैचअप कोर्स की पढ़ाई पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बताते चलें कि कैचअप कोर्स के लिए तैयार किए गए सिलेबस में तीन महीने के 60 कार्यदिवस में पिछली कक्षा के महत्वपूर्ण पाठों को पढ़ाने की तैयारी की गई है। कैचअप कोर्स से जिले के सभी स्कूलों के दूसरी से लेकर दसवीं कक्षा के करीब साढ़े चार लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलता। इसको लेकर शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दी गई है। साथ ही एनसीईआइटी ने इसके लिए विशेष पाठ तैयार किया है। मगर 5 अप्रैल यानी सोमवार से खुलने वाली स्कूलों को कोरोना के मद्देनजर बंद रखने के आदेश से समस्या खड़ी हो गई है।
गौरतलब हो कि पिछले शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुरू हुए कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को पूरा करने के लिए यह प्रभावी कदम उठाया गया था। क्योंकि छात्रों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में प्रोमोट कर दिया गया।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
कोरोना संक्रमण के प्रसार को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालयों में 11 अप्रैल तक पठन-पाठन कार्य पर रोक लगाई गई है। इसके बाद सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अग्रतर निर्णय लिया जाएगा। वास्तविकता में कैचअप कोर्स बच्चों की पठन-पाठन में मददगार साबित होगा।
मोतिउर रहमान, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिवान।