मांगों के समर्थन में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद को किया होम आइसोलेट

सिवान। सरकार व राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रति स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मी व आउसोर्सिंग कर्मियों म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:54 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:54 PM (IST)
मांगों के समर्थन में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद को किया होम आइसोलेट
मांगों के समर्थन में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद को किया होम आइसोलेट

सिवान। सरकार व राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रति स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मी व आउसोर्सिंग कर्मियों में नाराजगी है। इसको लेकर बुधवार से संविदा पर बहाल सभी स्तर के स्वास्थ्य संविदा कर्मी सामूहिक होम आइसोलेशन में जाकर कार्य का विरोध शुरू कर दिया। स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 14 दिन के होम आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद भी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो संविदा की सेवा से सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। इस कारण भले ही स्वास्थ्य विभाग ने कार्य प्रभावित नहीं होने का दावा किया लेकिन हकीकत यह रही कि जिले के सभी अस्पतालों में तैनात कर्मियों की गैरमौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग का दम फूलने लगा। इससे जांच से लेकर वैक्सीनेशन तक का काम प्रभावित हुआ है। कर्मियों ने कहा कि सरकार केवल उनलोगों से काम ले रही है, उनके बारे में नहीं सोच रही। सरकार उनसे स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर काम कराती है, लेकिन जैसे ही सरकार का काम खत्म हो जाता है, वो उनलोगों को नौकरी से निकालने की बात करती है। ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार उनके साथ दोहरी नीति ना अपनाए। कोरोना काल में उन्हें भी नियमित स्वास्थ्य कर्मियों की तरह लाभ दें।

पूर्व में काला बिल्ला लगाकर किया था मांगों के लिए प्रदर्शन :

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पूर्व संविदा कर्मी काला बिल्ला लगाकर मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। कहा कि इस विपरीत परिस्थिति में भी कर्मी पूरे मनोबल के साथ महामारी के विरुद्ध निर्धारित दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि इसके बावजूद भी सरकार और राज्य स्वास्थ्य समिति संविदा कर्मियों की सुविधाओं का ख्याल नहीं कर रही है। उन्होंने तत्काल 50 लाख रुपये की बीमा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। अस्पताल प्रबंधक एसरारूल हक ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार लंबे समय से संविदा कर्मियों के साथ धोखा कर रही है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के संघ के पदाधिकारियों ने पहले भी सरकार को उनकी मांगों से अवगत कराया था, लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

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