नल-जल का कार्य पूर्ण नहीं कराने वाले मुखिया-वार्ड सदस्य चुनाव में होंगे अयोग्य घोषित

सिवान। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक अधिसूचना जारी सिवान। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है लेकिन प्रशासनिक तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 10:37 PM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 10:37 PM (IST)
नल-जल का कार्य पूर्ण नहीं कराने वाले मुखिया-वार्ड सदस्य चुनाव में होंगे अयोग्य घोषित
नल-जल का कार्य पूर्ण नहीं कराने वाले मुखिया-वार्ड सदस्य चुनाव में होंगे अयोग्य घोषित

सिवान। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन प्रशासनिक तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। वहीं पंचायती राज विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर घर नल का जल योजना का काम पूरा नहीं करने वाले मुखिया व वार्ड सदस्य चुनाव से वंचित हो जाएंगे। विभाग द्वारा इसका आंकड़ा जुटाया जा रहा है कि किन-किन ग्राम पंचायतों के किन वार्डों में मुख्यमंत्री निश्चय पेयजल योजना का काम अबतक पूरा नहीं हुआ है। इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों को उन्हें दिए हुए दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पाने पर पद से हटाने का प्रावधान भी है। पद से हटाए जाने के बाद उन्हें आगामी चुनाव में अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। सभी वर्तमान मुखिया व वार्ड सदस्यों को बचे हुए काम को युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

80 जनप्रतिनिधियों को अबतक किया गया है शोकॉज :

नल-जल योजना में गड़बड़ी उजागर होने के बाद प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जा चुकी है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायत स्तर पर निर्माणाधीन योजनाओं को पूर्ण नहीं कराने को लेकर विभिन्न पंचायतों के करीब 80 मुखिया को शो-कॉज किया जा चुका है। इन जनप्रतिनिधियों पर कार्य में लापरवाही बरतने के साथ यह आरोप है कि इनके द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अंतर्गत दीर्घकालीन अनुरक्षक/अनुश्रवण हेतु अनुरक्षकों की बहाली नहीं की गई है। साथ ही अपूर्ण योजना जहां विवाद है, उसका सही ढंग से निष्पादन नहीं किया गया है। साथ ही साथ अपूर्ण योजना जहां विवाद है तथा उन वार्डों में जहां संवेदक द्वारा कार्य को पूर्ण नहीं कराया गया है, उसका भी सही ढंग से निष्पादन नहीं कराया गया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

योजना के लिए पैसा मुखिया के पास ही जाता है और उन्हें ही वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति से काम कराना होता है। ऐसी स्थिति में योजना पूरी नहीं होने पर मुखिया व वार्ड सदस्य दोनों को जिम्मेदार माना जाएगा। योजना पूर्ण कराने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है।

राजकुमार गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सिवान

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