सिवान में मनाया गया छठ पर्व

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में रविवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। छठ पूजा को ले श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। व्रती एवं उनके परिजन अल सुबह से हीं ठेकुआ पूड़ी आदि प्रसाद बनाने में जुट गए थे। छठ व्रती शनिवार की शाम को खरना के बाद से रविवार को पूरे दिन निर्जला रह शाम में छठ घाटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 10:24 PM (IST)
सिवान में मनाया गया छठ पर्व
सिवान में मनाया गया छठ पर्व

सिवान । जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में रविवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। छठ पूजा को ले श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। व्रती एवं उनके परिजन अल सुबह से हीं ठेकुआ, पूड़ी आदि प्रसाद बनाने में जुट गए थे। छठ व्रती शनिवार की शाम को खरना के बाद से रविवार को पूरे दिन निर्जला रह शाम में छठ घाटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। वहीं अधिकांश व्रतियों ने अपने-अपने घरों में बनाए गए कुंडों में अ‌र्घ्य दिया। इस दौरान व्रतियों द्वारा गाए जा रहे छठ गीत कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए., छठ मइया दीही ना आशीर्वाद.., केलवा जे फरेला घवद से ऊपर सुगा मंडराए.. आदि गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था। सभी लोग छठी मइया की आराधना कर सुखमय जीवन की कामना कर रहे थे। व्रतियों ने इस दौरान सूर्यदेव से यह मन्नतें मांगी कि हे सूर्यदेव, आप हर बार परिवार के संकट दूर किया है। इसबार कोरोना जैसी महामारी से परिवार को बचाइएगा। साथ ही दुनिया को भी इस महामारी से बचा लीजिए। हे सूर्यदेव कोरोना संक्रमण को समाप्त कीजिए। आपकी कृपा रही तो यह महामारी भी चंद मिनटों में खत्म हो जाएगा, समेत अन्य मन्नतें भी मांगी। वहीं सोमवार की अल सुबह उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ इस चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन होगा।

बता दें कि अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने का शुभ समय शाम को 5:40 बजे से 06:20 तक था। वहीं सोमवार को सुकर्मा योग में उदीयमान सूर्य को दूध और जल से अ‌र्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाएगा। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि मंगलवार को प्रात: कालीन उदयागामी सूर्य को अ‌र्घ्य का शुभ समय सुबह 05:35 बजे से 06:10 बजे तक है। उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर आयु-आरोग्यता, यश, संपदा की कामना की जाएगी। इसके बाद वो पारण कर अपना व्रत तोड़ेंगी।

छठ घाटों पर पहुंचकर व्रतियों ने की पूजा अर्चना : कोरोना महामारी को ले रविवार की शाम बहुत ही कम संख्या में व्रती छठ घाटों पर पहुंचे। इससे पूर्व शहर के पुलवा घाट, शिवव्रत घाट, पंचमंदिरा, गांधी मैदान समेत ग्रामीण इलाकों के महाराजगंज, बसंतपुर, लकड़ी नबीगंज, दारौंदा, भगवानपुर, आंदर, बड़हरिया, सिसवन, गोरेयाकोठी, मैरवा दरौली, रघुनाथपुर, सिसवन, गुठनी समेत अन्य घाटों पर छठ पूजा को ले श्रद्धालुओं की काफी संख्या में भीड़ उमड़ती थी। इस दौरान कई छठ व्रतियों की मन्नतें पूरी होने पर बैंड बाजे भी बजाए जाते थे। छठ घाटों पर बच्चों द्वारा जमकर आतिशबाजी भी की जाती थी। इससे इस महापर्व की भव्यता और बढ़ जाती थी। साथ ही सभी जाति संप्रदाय के लोग एक साथ बैठ कर छठ पूजा करते देखे जाते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण महापर्व घरों में हीं सिमट कर रह गया है।

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