उर्वरक की कालाबाजारी हुई तो होगी कार्रवाई, निर्धारित दर पर ही करनी होगी बिक्री
सिवान। खरीफ फसल की बुआई के लिए जिले में किसानों द्वारा नर्सरी तैयार की जा रही है। इसके साथ उर्वरक की आवश्यकता किसानों को पड़ने लगी है लेकिन खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरक कालाबाजारी में ना खरीदना पड़े इसके लिए प्रशासन द्वारा अभी से पहल शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग के निदेशक ने संबंधित अधिकारियों को कई जरूरी टास्क दिए हैं।
सिवान। खरीफ फसल की बुआई के लिए जिले में किसानों द्वारा नर्सरी तैयार की जा रही है। इसके साथ उर्वरक की आवश्यकता किसानों को पड़ने लगी है, लेकिन खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरक कालाबाजारी में ना खरीदना पड़े, इसके लिए प्रशासन द्वारा अभी से पहल शुरू कर दी गई है। कृषि विभाग के निदेशक ने संबंधित अधिकारियों को कई जरूरी टास्क दिए हैं। कृषि विभाग मुख्यालय से जारी पत्र में जिला कृषि विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में उर्वरक की कालाबाजारी ना हो और पीओएस मशीन से ही किसानों को उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराए और इसमें कोई गड़बड़ी हुई तो संबंधित अधिकारी भी नपेंगे। निर्देश के आलोक में जिला कृषि पदाधिकारी ने प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को एक सप्ताह में खाद विक्रेताओं के स्टाक और पाश मशीन में दर्ज खरीद-बिक्री का मिलान कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर गोदाम में रखे उर्वरक पाश मशीन से मिलान नहीं करता है, तो संबंधित दुकान की जांच करें। थोक एवं खुदरा विक्रेताओं से लेनी है सहमति पत्र :
जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि सभी थोक एवं खुदरा विक्रेताओं से एक सहमति पत्र लेंगे। इसमें विक्रेताओं द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक नहीं लेने की घोषणा की गई हो। इसके साथ ही उर्वरक कंपनियों के नोडल अधिकारियों को भी घोषणा पत्र देना होगा कि वे विभागीय आदेश के अनुरूप कार्य करेंगे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
उर्वरक की कालाबाजारी के मामले को लेकर विभाग गंभीर है। कोई भी उर्वरक विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक पर उर्वरक की बिक्री ना करें। निर्धारित मूल्य से अधिक लिया जाना अपराध है। किसी भी विक्रेता के खिलाफ इस संबंध में शिकायत पाई जाती है तो 24 घंटे के भीतर एफआइआर दर्ज करा दी जाएगी।
जयराम पाल, जिला कृषि पदाधिकारी, सिवान