एक दशक बाद सिवान से 19 यात्रियों को लेकर आगे बढ़ी थावे-टाटा नगर विशेष गाड़ी
सिवान रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा हेतु 08181/08182 टाटा नगर-छपरा-टाटा नगर विशेष
सिवान: रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा हेतु 08181/08182 टाटा नगर-छपरा-टाटा नगर विशेष गाड़ी का मार्ग अब थावे जंक्शन तक विस्तार कर दिया है। बुधवार को यह ट्रेन थावे से चलकर अपने निर्धारित समय से तीन मिनट की देरी से जंक्शन पहुंची, जहां 22 मिनट के ठहराव के बाद 11:05 में छपरा के रास्ते टाटा के लिए प्रस्थान कर गई। एक दशक बाद यह ट्रेन सिवान के रास्ते टाटा तक चलाई जा रही है। इसके पूर्व जब यह ट्रेन टाटा-गोरखपुर के लिए चलती थी तब इसका ठहराव सिवान जंक्शन पर होता था। जानकारी के अनुसार पहले दिन टाटा के लिए सिवान से 19 सवारी ट्रेन में सवार हुए। इनमें 18 यात्री स्लीपर कोच में सवार हुए जबकि एक यात्री थर्ड एसी में सवार होकर टाटानगर के लिए रवाना हुए। बता दें कि इस ट्रेन से टाटा तक की यात्रा करने वाले यात्रियों को पहले सिवान से छपरा जाना पड़ता था, इस कारण उन्हें अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ट्रेन के थावे तक विस्तार होने से रूट से यात्रा करने वाले लोगों को छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर सहित आसनसोल तक जाने में सहूलियत मिलेगी।
पहले दिन नहीं चला कोच डिस्प्ले
बता दें कि थावे-टाटा नगर एक्सप्रेस जब पहले दिन सिवान पहुंची तो उसमें सवार होने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। जंक्शन के प्लेटफार्म पर लगा कोच डिस्प्ले काम नहीं कर रहा था, जिससे यात्रियों के बीच आपाधापी की स्थिति उत्पन्न हो गई। ट्रेन के प्लेटफार्म पर खड़ी होने के बाद यात्री अपने अपने कोच में सवार होने के लिए जंक्शन पर मौजूद रेल कर्मियों से पूछताछ करते हुए देखे गए। हालांकि 25 मिनट के ठहराव के कारण यात्रियों को विशेष परेशानी नहीं हुई।
यात्रियों ने रेलवे को दिया धन्यवाद
सिवान से टाटा की यात्रा कर रहे रमेश कुमार, संजीव, मुकेश कुमार, राजेश कुमार, पी कुमार प्रसाद, अमित कुमार, अभिमन्यु वर्मा, आदित्य वर्मा ने बताया कि पहले टाटा नगर की यात्रा करने के लिए छपरा जाना पड़ता था, सुबह से ही घर से निकलना पड़ता था और जंक्शन पर छपरा के लिए दूसरी ट्रेन का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सिवान होकर इस ट्रेन के चलने से सफर आरामदायक हो गई। वहीं टाटा तक यात्रा कर रहे अरुण सिंह, अंजू देवी एवं पूजा सिंह ने बताया कि छपरा से ट्रेन पकड़ने में काफी परेशानी होती थी। पांच से छह घंटे पूर्व घर से निकालना पड़ता था, लेकिन अब सभी परेशानी समाप्त हो गई।