पुल निर्माण को ले ग्रामीणों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

बथनाहा प्रखंड के हरनाहिया गांव के समीप लखनदेई नदी घाट पर अ‌र्द्ध्िनर्मित पुल से आवागमन में हो रही कठिनाई को लेकर बुधवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:41 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:41 PM (IST)
पुल निर्माण को ले ग्रामीणों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन
पुल निर्माण को ले ग्रामीणों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन

सीतामढ़ी। बथनाहा प्रखंड के हरनाहिया गांव के समीप लखनदेई नदी घाट पर अ‌र्द्ध्िनर्मित पुल से आवागमन में हो रही कठिनाई को लेकर बुधवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने झलसी से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को जामकर जमकर हंगामा किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक एवं सांसद के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। सड़क जाम से यात्रियों की हो रही कठिनाई को देखते हुए बुद्धिजीवियों एवं अन्य ग्रामीणों ने अथक प्रयास कर जाम समाप्त कराया। तीन घंटे तक सड़क जाम रहने से यात्रियों को भाड़ी कठनाई का सामना करना पड़ा। सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी मोहन ¨सह के नेतृत्व ग्रामीणों ने पुल निर्माण नहीं होने पर संसदीय चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि पुल के पाया सहित अन्य भाग डायवर्सन की ओर लुढ़क जाने से दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। जिला मुख्यालय व ऐतिहासिक हलेश्वरनाथ मंदिर जाने वाले लोगों को डायवर्ससन से यात्रा करना मजबूरी है। लेकिन यह डायवर्सन भी खतरनाक है। इस पुल को पूरा कराने को लेकर सर्वोदयी नेता विन्देश्वरी प्रसाद के साथ ही कई लोग स्वर्ग सिधार गए पर पुल निर्माण पूरा नहीं हुआ। हर लोक सभा सभा व विधान सभा चुनाव के समय पर इस पुल को पूर्ण करने की मांग होती रही है। बावजूद अब तक जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अब अ‌र्द्ध् निर्मित पुल भी धवस्त होने के कगार पर है। ग्रामीण मोहन ¨सह,कन्हैया ¨सह,अधिवक्ता बलिराम ठाकुर, बैद्यनाथ ठाकुर, देवलाल पासवान, केवल पासवान सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के लोगों की मांग पर वर्ष 1996 में शिवहर सांसद आंनद मोहन ¨सह द्वारा इस पुल शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था। लेकिन बाद में इसका निर्माण कार्य रूक गया। उस समय से पुल अ‌र्द्ध् निर्मित अवस्था में पड़ा है। इस घाट पर पुल निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को जिला मुख्यालय व हलेश्वरनाथ मंदिर जाने के लिए बरसात के समय एक किलोमीटर की जगह दस कि.मी.अधिक दूरी तय करनी पड़ती है।

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