हत्या की दो माह पूर्व बन चुकी थी प्लानिग, शूटर के फोन पर लाइनप था भतीजा
सीतामढ़ी। पुलिस कप्तान हरकिशोर राय के अनुसार जैसा कि पूछताछ में यह बात सामने आई है कि डॉक्टर साहब अपनी दूसरी पत्नी के नाम से ही संपत्ति अर्जित कर रहे थे। इ
सीतामढ़ी। पुलिस कप्तान हरकिशोर राय के अनुसार, जैसा कि पूछताछ में यह बात सामने आई है कि डॉक्टर साहब अपनी दूसरी पत्नी के नाम से ही संपत्ति अर्जित कर रहे थे। इसको लेकर सीमा सिन्हा खिन्न थीं। दो महीने पहले प्लानिग बनाई गई थी कि उनकी दूसरी पत्नी को रास्ते से हटा देना है। ताकि, डॉक्टर साहब इन लोगों के पास वापस चले आएं और उनकी कमाई का फायदा इन सभी को मिल सके। दो दिन पहले एक लाख रुपये शूटर को दिए गए। डॉक्टर के एक भतीजे संतोष के द्वारा ही मुख्य रोल प्ले किया गया। जिसके जरिये परसौनी के मदनपुर के रहने वाले शूटर से संपर्क साधा गया। पैसे देकर यह सौदा किया कि डॉक्टर साहब की दूसरी पत्नी को रास्ता से हटाना है। घटना वाले दिन भी शाम में साढ़े छह बजे के लगभग डॉक्टर के भतीजे संतोष ने शूटरों को फोटो भेजकर पहचान आदि करवा दी। कार का नंबर भी नोट करा दिया गया। यह भी बता दिया कि डॉक्टर साहब और उनकी पत्नी रोजाना रात 10 बजे के लगभग डुमरा में जहां नया हॉस्पीटल बन रहा है, वहां से लौटते हैं। तभी मौका देखकर उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर देना। शूटरों से गफलत यह हो गई कि फोटो तो उन लोगों ने पहचान रखी थी लेकिन, तब कार में सवार डॉक्टर साहब की दूसरी पत्नी के साथ-साथ उनकी स्टाफ भी मास्क पहनी हुई थीं। इसी में चकराकर उसने स्टाफ को ही मौत के घाट उतार दिया। एसपी ने यह भी बताया कि डॉक्टर साहब शूटरों के टारगेट नहीं थे। मगर, गोलीबारी के दौरान शूटरों ने उनके हाथ में रिवाल्वर देख ली और छीना-झपटी के दौरान उनकी गोलियां लगीं। एसपी ने कहा कि मोटे तौर पर घटना का पूरी तरह पटाक्षेप हो गय है। हत्या में प्रयुक्त हथियार तो बरामद नहीं हो सका है लेकिन, उनकी पल्सर बाइक जरूर मिल गई। यह बाइक भतीजे संतोष की निशानदेही पर बरामद हुई। घटना के बाद शूटर इस बाइ को एक जगह लगाकर फरार हो गए थे।