जरूरतमंदों को लगी रह गई टकटकी और कागज में बंट गया पर्याप्त राशन

लॉकडाउन के बाद जरूरतमंदों को राशन मुहैया कराने की बात हो या वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता की बात भाषणबाजी से ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 12:08 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 12:08 AM (IST)
जरूरतमंदों को लगी रह गई टकटकी और कागज में बंट गया पर्याप्त राशन
जरूरतमंदों को लगी रह गई टकटकी और कागज में बंट गया पर्याप्त राशन

सीतामढ़ी। लॉकडाउन के बाद जरूरतमंदों को राशन मुहैया कराने की बात हो या वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता की बात, भाषणबाजी से ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है। मगर, बाढ़ राहत की तरह लॉकडाउन में भी सबको खाद्यान्न बांट चुकने का प्रशासन दंभ भर रहा है। जिले में छह लाख 74 हजार कार्डधारी हैं, प्रशासन उनके साथ-साथ बड़ी संख्या में अन्य जरूरतमंदों को भी राशन बांटने का दवा कर रहा है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी अरविद कुमार मिश्रा का कहना है कि जिले में इतना खाद्यान्न उपलब्ध है कि लेने वाले कम पड़ गए हैं। सच तो यह है कि गांव-गांव में राशन के लिए चिक-चिक हो रही है। वाजिब लोगों को राशन नहीं मिल पाया है। किसी को एक माह का राशन मिल पाया तो किसी को आज तक टकटकी लगी हुई है। आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भी खाद्यान्न आवंटित हुआ है। बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी श्रमिक तथा अन्य पात्र परिवारों के बीच इस योजना से खाद्यान्न का वितरण तीन दिनों में पूरा करना है। जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने के लिए जीविका दीदियों ने भी सर्वेक्षण किया है, जिसमें बड़े पैमाने पर मनमानी की शिकायतें सामने आ रही हैं। गैर प्रवासी 30895 परिवारों को भी राशन बांटने का आपूर्ति विभाग का दावा

जिलेभर में 1600 पीडीएस दुकानों से राशन बंट रहा है। कोविड-19 के पहले जिले में 6 लाख 74 हजार कार्डधारी थे। उन सबको राशन दिया गया है। उसके अलावा इस महामारी में 28,498 वैसे कार्ड बने हैं जिनके लिए प्रखंडों के आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन किए गए थे। अंत्योदय योजना में 76 हजार कार्डधारियों को भी राशन मिले हैं। जिले में बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों की संख्या 39,896 रही उन सबको भी राशन बंटा है। इन प्रवासी श्रमिकों का 5203 परिवार है। जिसमें प्रति परिवार को पांच-पांच किलो चावल व एक-एक किलोग्राम चना दिया गया। गैर प्रवासी जिनको राशन कार्ड नहीं था वैसे लोगों की संख्या 1,28,360 लोग थे। इतने लोगों का 30895 परिवार है, इनमें प्रत्येक परिवार को पांच किलोग्राम के हिसाब से चावल व एक किलो चना दिया गया है। इस प्रकार, आपूर्ति विभग के रिकॉर्ड में सबको राशन बंट चुका है। डुमरा आपूर्ति कार्यालय का चक्कर लगा रहे कार्डधारी

प्रशासन के इस दावे को ये लोग ही झुठला रहे हैं, जिनका हुजूम शनिवार को डुमरा प्रखंड आपूर्ति कार्यालय में उमड़ा हुाआ था। लालो देवी उजला कार्ड लेकर दिखा रही थी तो संतोष मंडल, रामजीवन साह, उमेश प्रसाद, शिवजी प्रसाद लाल कार्ड लेकर प्रशासन को कोस रहे थे। रुन्नीसैदपुर के उमेश प्रसाद व डुमरा परोहा के संतोष मंडल रामजीवन साह, लालो देवी, शिवजी साह ने कहा कि मई के बाद हम लोगों को राशन नहीं मिल रहा है। स्थानीय डीलर मो. इस्लमा का कहना है कि आप लोगों का कार्ड निरस्त कर दिया गया है, क्यों किया गया है उसका कारण वह नहीं बताता है। प्रखंड आपूर्ति कार्यालय व डीलर के यहां चक्कर लगाते हैं। इनकी बातों से स्पष्ट है कि प्रशासन चाहे लाख दावे कर ले सच तो यह है कि बहुत से जरूरतमंद राशन मिलने की बाट ही जोह रहे हैं। नगर विधायक बोले, आपूर्ति विभाग में भ्रष्टाचा अधिक

नगर विधायक सुनील कुमार कुशवाहा का कहना है कि आपूर्ति विभाग की अगर बात करें तो भ्रष्टाचार शब्द इसके लिए कम लगता है। मगर, शायद ही कभी बड़ी कार्रवाई सामने आती हो। वितरण में मनमानी, लापरवाही व भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हैं। मेरे हिसाब से 50 फीसद लोग अभी खाद्यान्न से वंचित हैं। प्रशासन अगर दावे करता है तो इसकी जांच होनी चाहिए। जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पद काबिज अरविद कुमार मिश्रा अपने पद की लाचारी बयां करते हैं। उनका कहना है कि कहने को मैं जिला स्तर का पदाधिकारी हूं मगर सच तो यह है कि कोई काम अपने हिसाब से नहीं कर सकता। न छापेमारी कर सकता हूं, न किसी दोषी पर कार्रवाई के लिए अधिकृत हूं। हर काम के लिए अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय पर निर्भरता है। डीएसओ ने कहा कि मैं कार्रवाई के लिए सिर्फ अनुशंसा करता हूं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि अभी तक कितने और किस तरह के मामलों में उन्होंने अनुशंसा भी की।

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