ऐसे रची गई कातिब के कत्ल की साजिश, कंफेशनल बयान से मर्डर मिस्ट्री से उठा पर्दा

सीतामढ़ी । डुमरा रजिस्ट्री ऑफिस के कातिब (मुहर्रिर) के कत्ल की साजिश कब किस तरह रची गई यह पूरा राजफांश हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:18 PM (IST)
ऐसे रची गई कातिब के कत्ल की साजिश, कंफेशनल बयान से मर्डर मिस्ट्री से उठा पर्दा
ऐसे रची गई कातिब के कत्ल की साजिश, कंफेशनल बयान से मर्डर मिस्ट्री से उठा पर्दा

सीतामढ़ी । डुमरा रजिस्ट्री ऑफिस के कातिब (मुहर्रिर) के कत्ल की साजिश कब, किस तरह रची गई यह पूरा राजफांश हो गया है। गिरफ्तार शूटरों में से एक के कंफेशनल बयान से मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठा है। कई नए नाम भी सामने आए हैं जिनके तार इस हत्याकांड से जुड़े हुए हैं। दो माह पहले इस हत्याकांड की साजिश रची गई थी। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद विकास झा उर्फ कालिया ने ही वाट्सएप कॉलिग के जरिए अपने गुर्गों को इस काम के लिए तैयार किया। हत्या के बाद तीनों गुर्गे भागकर विश्वनाथपुर पहुंचे और कपड़े बदलकर गांव चले गए। हुलिया बदलकर गुजरात भागने वाले थे। कातिब की हत्या के लिए गुर्गों को पांच लाख रुपये का लालच दिया गया। मगर, उनको तीन किस्तों में चालीस हजार रुपये ही मिल पाए। भूपभैरो कांटा चौक की चार करोड़ रुपये कीमत वाली 13 कट्ठा जमीन को कब्जा दिलाने के लिए इन गुर्गों से पांच लाख रुपये सुपारी देने की बात तय थी। इस हत्या में प्रयुक्त अपाची मोटरसाइकिल मानिक चौक के एक शख्स की थी। जबकि, बथनाहा के एक शख्स के फोन पे एकाउंट पर गुर्गों को पैसे आए।

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हत्या के दिन बाइक चला रहे शख्स ने अपने बयान में उगले सारे राज

जेल जाने से पहले इस हत्याकांड में गिरफ्तार शुभेष कुमार झा (पिता रतिकांत झा) ने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में पूरी कहानी बयां की है। वह बथनाहा के माधोपुर गांव का रहने वाला है। यही शख्स हत्या के दिन अपाची बाइक चला रहा था। शुभेष ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि दो माह पूर्व उसके गिरोह का सरगना कालिया की तिहाड़ जेल से वाट्सएप मोबाइल नंबर (7549051478) से कॉल आई। उसने बोला कि हमसे सुवंश राय व रामजी राय ने कांटा चौक की एक जमीन को लेकर चल रहे विवाद में अपने विरोधी को रास्ते से हटाने के लिए संपर्क किया है। उसी में रामजी राय एवं अनिल कुमार यादव नंदकिशोर राय को धमकी दी थी कि कांटा चौक की जमीन को छोड़कर तुम हट जाओ। लेकिन, नंदकिशोर राय मानने को तैयार नहीं हो रहा है। इसके लिए सुवंश राय भी कई बार नंदकिशोर राय को कहवा चुका है, लेकिन इसके बाद भी नंदकिशोर राय जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। तुम लोगों को उस व्यक्ति की हत्या करनी होगी। इस काम के लिए तुम लोगों को पांच लाख रुपये मिलेंगे। अभी एक-दो दिनों में तुम लोगों को 15000 रुपये भेज रहे हैं। बाकी पैसा बाद में दिया जाएगा। इस पर हम लोगों के द्वारा हरिकिशोर झा माधोपुर बथनाहा के भगीना कृष्णा झा के फोन पे एकाउंट नंबर 8482807724 विकास झा को दिया गया। जिसपर उसके द्वारा 15000 रुपये भेज दिए गए। फिर बोला कि मानिक चौक के राहुल सिंह से अपाची मोटरसाइकिल भिजवा रहे हैं। बात हुई कि उसको कुछ पैसे देकर अपाची मोटरसाइकिल ले लेना। लगभग एक माह पहले पुन: मुझे, शुभम एवं दिव्यांश को नंदकिशोर की फोटो भेजकर बोला गया कि नंदकिशोर प्रतिदिन सुबह साढ़े पांच से छह बजे बड़ी बाजार चौक से स्टेडियम में मॉर्निंग वाक के लिए आता है।

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कब-कहां व कैसे मारना है चार-पांच दिन रेकी करते रहे शूटर

अत: तुम लोग वहां जाकर चार-पांच दिन रेकी करो। हम लोग वहां जाकर नंदकिशोर को खोजने का प्रयास किए। परंतु खोज नहीं सके। इसपर विकास झा फोन कर बोला कि रामजी राय का आदमी अनिल कुमार यादव अपनी हीरो होंडा ग्लैमर मोटरसाइकिल जिसका नंबर बीआर30एल7022 से वीटू मॉल के पास नंदकिशोर की पहचान कराने के लिए आएगा। इसके बाद अगले दिन सुबह हम लोग वहां गए तो अनिल कुमार यादव द्वारा नंदकिशोर की पहचान करवाया गया। इसके बाद विकास झा ने बोला कि 10-15 दिन तुम लोग घर पर शांति से बैठो तथा हम लोगों को इसी दौरान दस हजार रुपये उसी फोन पे एकाउंट से भेज दिया गया। पुन: 29-30 मई के आसपास विकास झा द्वारा वाट्सएप कॉलिग करके बोला गया कि अब तुम लोग सुबह मॉर्निंग वाक के समय जाकर मौका देखकर नंदकिशोर की हत्या कर दो। हथियार अनिल कुमार यादव तुम लोगों को दे देगा। और फिर दिनांक एक-दो जून को रेकी की। हथियार एवं गोली रामजी राय के द्वारा अनिल यादव के माध्यम से दो जून को हम लोगों को उपलब्ध करा दिया गया। दो जून की रात में तीनों लोगों ने योजना बनाई की कल सुबह मॉर्निंग वाक के समय नंदकिशोर राय को पशुपालन कार्यालय के उत्तर वाले रास्ते में गोली मार दी जाएगी।

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हत्या के लिए एक घंटे पहले गांव से पहुंच गए तीनों शातिर

शुभेष कुमार के बयान के अनुसार, तय योजना के तहत तीन जून की सुबह अपने गांव से करीब पांच बजे चलकर वह, दिव्यांश एवं शुभम इसी अपाची मोटरसाइकिल से हथियार एवं गोली के साथ डुमरा थाना अंतर्गत पशुपालन कार्यालय के उत्तर वाली रोड में पहुंचे। गाड़ी शुभेष स्वयं चला रहा था। वह बाइक पर ही बैठा रहा और दिव्यांश व शुभम हथियार एवं गोली लेकर गाड़ी से उतरकर पैदल पशुपालन कार्यालय के उत्तर वाली रोड में टहलने लगे। थोड़ी देर बाद जिस व्यक्ति को गोली मारनी थी वह वीटू मॉल की तरफ से चलकर शंकर चौक वाले रास्ते की तरफ से पशुपालन कार्यालय के उत्तर वाली रोड में पैदल ही घुसकर थोड़ी ही दूर आगे बढ़ा था कि विपरीत दिशा से दिव्यांश व शुभम उसको पार करते हुए दोनों ने अपनी पिस्टल कॉक कर ली और नंदकिशोर राय पर दो-दो गोली फायर कर दी। जिनमें से केवल एक गोली नंदकिशोर राय को पीठ में लगी। जिससे वह जख्मी होकर वहीं गिरकर छटपटाने लगे। शुभेष का कहना है कि वह तुरंत मोटरसाइकिल से वहां पहुंच गया था। दोनों को बोला कि खोखा जल्दी उठा लो। सबूत नहीं रहेगा परंतु जल्दबाजी में दो ही खोखे मिले। और घबड़ाहट में दिव्यांश मोटरसाइकिल पर आकर बैठ गया। शुभम रोड पर पड़े दो खोखे को उठाकर आया और मेरी मोटरसाइकिल पर बैठ गया। इसके बाद मैं इन दोनों को लेकर वहां से भागा और रामजी राय के विश्वनाथपुर स्थित घर पर पहुंचा जहां हम तीनों ने अपने कपड़े बदल लिए और वहां से अपने गांव चले गए। भूलवश उसी पैंट के पॉकेट में दोनों खोखे छूट गए। घटना के बाद विकास झा के द्वारा वाटसएप कॉलिग करके मुझे बोला गया कि तीनों लोग बाल कटवा लो और वहां से गुजरात भाग जाओ। इसके लिए विकास झा के द्वारा उसी फोन पे एकाउंट पर चार-पांच जून को 15000 रुपये भेजे गए। जिसके बाद दिव्यांश ने अपने बाल कटवा लिए। मैं और शुभम बाल नहीं कटवा पाए। घटना के बाद हम लाग अपने पुराने सिम को निकालकर फेंक दिए। मोबाइल का सभी डेटा डिलीट कर दिए। घटना के समय पहना हुआ कपड़े और शुभम के पैंट के पॉकेट में रखे खोखे रामजी राय के घर छापेमारी करने पर बरामद हो सकता है। -----------------------------------

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