..तो आपसी रंजिश में हुई राकेश झा की हत्या, राणा नहीं मारता तो खुदा मारा जाता

सीतामढ़ी। बैरगनिया में बजरंग दल कार्यकर्ता राकेश झा हत्याकांड में मेन शूटर अमन पराशर उर्फ राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:36 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:36 PM (IST)
..तो आपसी रंजिश में हुई राकेश झा की हत्या, राणा नहीं मारता तो खुदा मारा जाता
..तो आपसी रंजिश में हुई राकेश झा की हत्या, राणा नहीं मारता तो खुदा मारा जाता

सीतामढ़ी। बैरगनिया में बजरंग दल कार्यकर्ता राकेश झा हत्याकांड में मेन शूटर अमन पराशर उर्फ राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक दर्जन आपराधिक घटनाओं का यह शातिर बदमाश बड़ी आराम से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। तब वह निहत्था था और पटना के एक कमरे में आराम फरमा रहा था। पुलिस को सामने देखकर पांव तले जमीन खिसक गई। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए फिल्मी अंदाज में जाल बिछाया हुआ था। पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस शातिर अपराधी की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उसकी करतूतों के बारे में मीडिया से जानकारी साझा की। हालांकि, एसपी ने यह नहीं बताया कि उसको कैसे गिरफ्तार किया गया। छह मार्च की शाम बैरगनिया रेलवे स्टेशन के पूर्वी रेल फाटक के समीप पचटकी यदू गांव निवासी राकेश झा को सरेशाम गोलियों से भून डाला गया। खदेड़ते हुए ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं। इस दौरान राकेश ने गिरते-पड़ते भागकर राज होटल में छुपने की कोशिश की मगर अपराधी वहां भी पहुंचकर फायरिग करने लगे। जिससे मौत हो गई। राकेश झा के गांव का ही रहने वाला है अमन पराशर उर्फ राणा। उसके पिता का नाम अजय सिंह है।

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पुलिस के मुताबिक सुलझ गई हत्या की गुत्थी पर स्वजनों को अभी इंसाफ का इंतजार पुलिस कप्तान ने इस हत्याकांड का पूरी तरह उदभेदन होने की बात कही है। यह भी कहा है कि अब इस हत्याकांड में एक अनिल सिंह की गिरफ्तारी शेष रह गई है। राजनीतिक साजिश के तहत राकेश झा की हत्या के आरोपों को एसपी ने खारिज कर दिया और बताया कि राकेश झा व राणा के बीच आपसी रंजिश थी। राणा की हत्या की साजिश में राकेश झा भी शामिल थे जिसके खुन्नस में राणा ने राकेश को मौत के घाट उतारा। राणा की हत्या कौन कराना चाहता था इसके बारे में पता चला कि सीतामढ़ी शहर के आदर्श नगर में सुप्पी थाने के कंसारा निवासी दशरथ सिंह के पुत्र मोलू कुमार की 31 जनवरी को हत्या हुई थी। मोलू उसी राणा का सहयोगी था। हालांकि, राणा तब जेल में बंद था। इस हत्याकांड में मुकेश सिंह का नाम आया जो पुरनहिया थाने के हथसार गांव का रहने वाला है। राणा जब जेल से छूटा तो मोलू की हत्या की रंजिश में राणा एंड कंपनी के लोग मुकेश की हत्या की योजना बना बैठे। मुकेश सिंह को इस बात की भनक लग गई। कहा जा रहा है कि मुकेश सिंह ने राणा की खोज-खबर लेने के लिए उसके ही गांव के रहने वाले राकेश झा से मदद ली। राणा की ताक में मुकेश सिंह के आदमी राणा के घर पर जाकर रूके भी। अब राणा अपने ग्रामीण राकेश झा के पीछे पड़ गया। मौका मिला तो सरेशाम राकेश को मौत के घाट उतारकर दहशत पैदा कर दी। राणा की गिरफ्तारी के बाद यह नई कहानी सामने आई है। राकेश झा हत्याकांड में यह सातवीं गिरफ्तारी

राकेश झा हत्याकांड में राणा के रूप में सातवीं गिरफ्तारी बताई गई है। पुलिस के अनुसार, राणा के साथ राकेश झा पर गोली चलाने वाला एक शख्स मोतिहारी के सुगौली थाना क्षेत्र के सुगांव का रहने वाला हिमांशु झा पहले ही पकड़ा जा चुका है। लेकिन, बैरगनिया के यदुपटी राम का अमन पराशर उर्फ राणा पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। हिमांशु झा ने राणा के सहयोग से राकेश झा को गोली मारने की बात कबूल की थी। लाइनर की भूमिका डुमरबन्ना, बैरगनिया के विवेक कुमार पिता विनय चौधरी ने निभाई थी। राकेश झा के परिवार के लोग इस हत्याकांड को राजनीतिक वर्चस्व से जोड़ रहे थे तथा उनके अनुसार, इसमें कई सफेदपोश व एक आ‌र्म्स माफिया के भी संलिप्त होने की बात कही जाती रही है। मगर, एसपी ने उन सभी बातों को सिरे से खारिज कर दिया। राकेश झा हत्याकांड में हिमांशु झा, विवेक कुमार, मनीष कुमार, मनीष यादव, मुकेश झा और नीरज कुमार पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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