..तो हो जाइए तैयार अगले सीजन से लाल भिडी की बाजार में होगी भरमार

सीतामढ़ी। भिडी की सब्जी तो अमूमन सभी लोगों को बेहद भाति है। भरवा अचार और बटर भिडी के तो अक्सर लोग दीवाने होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 12:40 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 12:48 AM (IST)
..तो हो जाइए तैयार अगले सीजन से लाल भिडी की बाजार में होगी भरमार
..तो हो जाइए तैयार अगले सीजन से लाल भिडी की बाजार में होगी भरमार

सीतामढ़ी। भिडी की सब्जी तो अमूमन सभी लोगों को बेहद भाति है। भरवा, अचार और बटर भिडी के तो अक्सर लोग दीवाने होते हैं। ये सब्जी स्वाद के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन, क्या कभी आपने लाल भिडी (रेड ओकरा) खाई है? अगर नहीं खाई तो इस बार आपको लाल भिडी का जायका लेने का मौका भी मिलनेवाला है। दरअसल, रीगा प्रखंड के मठवा गांव निवासी किसान राणा प्रताप सिंह लाल भिडी की खेती कर रहे हैं। शुरुआत एक एकड़ से कर उपज व आमदनी का ट्रायल करने वाले हैं। लाल भिडी की खेती करनेवाले वे जिले के पहले किसान हैं। पोषक तत्वों से भरपूर लाल भिडी की खासियत यह है कि सामान्य भिडी की अपेक्षा इसमें अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह ब्लड प्रेशर, डायबिटिज और हाई कोलेस्ट्राल के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इस किसान का कहना है कि हरी भिडी के मुकाबले लाल भिडी की फसल पूरी तरह तैयार होने में करीब 40 से 45 दिन का समय लगता है। उनको लाल भिडी की खेती करने की प्रेरणा कहां से मिली, इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले उनके एक परिचित जो दिल्ली में रहते हैं, उनसे इस बारे में बात हुई थी। साल में दो बार उगाइए लाल भिडी उन्होंने बताया कि उनको देखकर दूसरे किसान भी लाल भिडी की खेती करने के लिए उत्सुक हैं। भिडी की इस किस्म की कीमत बाजार में काफी ज्यादा है और बड़े शहरों के लोग इसे ऊंचे दाम पर भी खरीदने के लिए तैयार हैं। यानी इसकी खेती कर किसान बंपर कमाई कर सकते हैं। वर्ष में दो बार लाल भिडी की खेती की जा सकती है। फरवरी-मार्च व जून-जुलाई में आप इसकी खेती का सकते हैं। बलुई दोमट मिट्टी लाल भिडी की खेती के लिए उपयुक्त होती है। ध्यान रहे मिट्टी जीवांश व कार्बनिक पदार्थ युक्त होनी चाहिए। चार सालों से कर रहे काला गेहूं की खेती पिछले चार साल से आठ एकड़ में काला गेहूं की खेती करते रहने के बाद अब लाल भिडी की खेती की ओर उन्मुख हुए हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि लाल भिडी की खेती से उनकी आय में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी होगी। यहीं वजह है कि इसबार लाल भिडी की खेती कर रहे हैं। राजनीतिक विज्ञान से ग्रेजुएट किसान ने चार साल पहले काला गेहूं की खेती शुरू की। तब लोगों ने इसे हल्के में लिया था। लेकिन अब इसमें फायदा होने के बाद कई किसान टर्नअप हुए हैं। उन किसानों को ये बीज उपलब्ध कराते हैं और खेती के गुर भी सिखलाते हैं। काला गेहूं की खेती का दायरा बढ़कर 20 एकड़ हो गया है। नई तकनीक से खेती करने के प्रति किसानों का लगाव बढ़ा है। लाल भिडी की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगी। यह वर्ष में दो बार उपजाई जा सकती है। हरी भिडी की अपेक्षा मार्केट में इसकी डिमांड ज्यादा है।

इंद्रजीत कुमार मंडल, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा)

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