जिले में एड्स रोगियों की चौंकाने वाले आंकड़े, 18 साल से कम उम्र वाले लड़के-लड़कियों में लक्षण

सीतामढ़ी। विश्व एड्स दिवस हर साल एक दिसंबर को मनाया जाता है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में एक है। सीतामढ़ी जिले में एड्स के आंकड़े तो फिलहाल सामान्य हैं लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात है कि स्कूल-कॉलेज जाने की उम्र वाले लड़के-लड़कियों में भी एड्स के लक्षण पाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 12:28 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 12:28 AM (IST)
जिले में एड्स रोगियों की चौंकाने वाले आंकड़े, 18 साल से कम उम्र वाले लड़के-लड़कियों में लक्षण
जिले में एड्स रोगियों की चौंकाने वाले आंकड़े, 18 साल से कम उम्र वाले लड़के-लड़कियों में लक्षण

सीतामढ़ी। विश्व एड्स दिवस हर साल एक दिसंबर को मनाया जाता है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में एक है। सीतामढ़ी जिले में एड्स के आंकड़े तो फिलहाल सामान्य हैं लेकिन, सबसे चौंकाने वाली बात है कि स्कूल-कॉलेज जाने की उम्र वाले लड़के-लड़कियों में भी एड्स के लक्षण पाए जा रहे हैं। डीपीआरओ परिमल कुमार की मानें तो पिछले दिनों एचआइवी एड्स की रोकथाम, इलाज और जागरूकता कार्यक्रमों के सिलसिले में अंतर विभागीय बैठक हुई जिसमें यह बात सामने आई कि सीतामढ़ी जिले में 755 सेक्स वर्कर हैं। 3944 एड्स के शिकार हैं। इनमें सभी उम्रवय के लोग शामिल हैं। उस बैठक में जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव ने कहा कि जानकारी ही बचाव है। जानकारी एवं सावधानी से हम एड्स के प्रसार को रोक सकते हैं। युवाओं में जागरूकता के लिए स्कूल-कॉलेज में विविध कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत बताई। शिक्षा विभाग, नेहरू युवा केंद्र, पंचायती राज विभाग, पुलिस विभाग आदि को इस संबंध में जागरूकता के लिए कार्यशाला आयोजित करने का उन्होंने निर्देश भी दिए। उधर, डीएलएन अध्यक्ष मनोज कुमारने बताया कि सीतामढ़ी जिले में लगभग 4000 मरीज एआरटी दवा ले रहे हैं। जिनमें 3800 मरीजों को बिहार एड्स शताब्दी योजना का लाभ भी मिल रहा है। एचआइवी प्रभावित लोगों के 420 बच्चों को परवरिश योजना का लाभ दिया जा रहा है। पिछले साल तक 5700 लोग थे शिकार, संख्या में कमी पिछले साल जिले में एचआइवी एड्स मरीजों की कुल संख्या 5700 बताई गई। उनमें पुरुष 3085 तो महिलाएं 2235 थीं। दो थर्ड जेंडर भी थे। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि 18 साल की उम्र से कम आयु वर्ग वाले 378 लड़के-लड़कियां भी उस आंकड़े में शामिल थे। इनमें 252 लड़के तो 126 लड़कियों में एचआइवी एड्स के लक्षण पाए गए थे। उसस साल तक जिले में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 3488 बताई गई थी। एकसाल में 314 नए मरीज भी सामने आए। जिनमें पुरुष 173 व महिला 120 तथा 18 साल से कम उम्रवय के 12 लड़के व 90 लड़कियों में लक्षण मिले। वहीं जिले में वर्ष 2019 में एक अप्रैल से 10 दिसंबर तक यानी कुल 254 दिनों में 334 नए एचआईवी एड्स के मरीज मिले। इस प्रकार औसत प्रति दिन एक नया मरीज जुड़ा। संतोषजनक बात यह रही कि आंकड़ों के अनुसार, हाल के दिनों में इसमें कमी आई है। एक कारण यह भी हो सकता है क्योंकि, कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण एचआइवी एड्स की जांच कराने वालों में भी कमी हुई। उसका सबसे बड़ा कारण रहा कि तीन महीने तक अस्पतालों का ओपीडी ही बंद रहा। दूसरी वजह यह कि कोरोना संक्रमण के डर से भी कुछ लोग टेस्ट कराने ही नहीं पहुंचे। -----------------------------------

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