आस्था पर चला पुलिस का डंडा तो भड़का लोगों का आक्रोश
सीतामढ़ी। महावीरी झंडोत्सव के दौरान नारा लगाने पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद कमलदह गांव में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। आस्था पर प्रहार से नाराज लोगों ने जहां महावीरी झंडा उठाने से इन्कार कर दिया वहीं एसडीओ सदर और एसडीपीओ सदर के प्रति गुस्से का इजहार किया।
सीतामढ़ी। महावीरी झंडोत्सव के दौरान नारा लगाने पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद कमलदह गांव में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। आस्था पर प्रहार से नाराज लोगों ने जहां महावीरी झंडा उठाने से इन्कार कर दिया, वहीं एसडीओ सदर और एसडीपीओ सदर के प्रति गुस्से का इजहार किया। लोगों ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए, उनको हटाने की मांग करने लगे। उग्र भीड़ को देख एसडीओ कुमार गौरव एक घर में छिप गए, जबकि एसडीपीओ सदर को मौके से भागना पड़ा। तकरीबन दो घंटे तक इलाका आक्रोश की आग में जलता रहा। दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोग पुलिस-प्रशासन के खिलाफ गुस्से का इजहर करते रहे। लोग डीएम-एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में एसपी के निर्देश पर एएसपी अभियान विजय शंकर सिंह और नगर थानाध्यक्ष प्रभात रंजन सक्सेना मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों से बातचीत की। दोनों अधिकारियों ने आरजू-मिन्नत कर स्थिति संभाली। इसके बाद लोगों ने परम्परागत तरीके से उत्सव मनाया। दोपहर बाद विभिन्न गांवों से महावीरी झंडा जुलूस रैन पर पहुंचा। जहां लोगों ने झंडों का मिलान किया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों में पुलिस खास कर एसडीपीओ के प्रति आक्रोश बरकरार है।
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दारोगा बने उग्र भीड़ के शिकार
बथनाहा (सीतामढ़ी) : कमलदह गांव में सोमवार की सुबह पुलिस-पब्लिक झड़प के बाद स्थिति सामान्य हो गई थी, दोपहर बाद विभिन्न गांवों से झंडा जुलूस निकाला गया। लेकिन, भीड़ में शामिल युवाओं ने दोपहर बाद ड्यूटी पर तैनात दारोगा जितेंद्र कुमार सिंह को भाला के प्रहार से जख्मी कर दिया। जुलूस में शामिल युवकों ने दूर से दारोगा पर भाला फेंक दिया, जो उनके बांह में लगा। इसके बाद लहूलुहान दारोगा को मेला परिसर स्थित मेडिकल कैम्प में ले जाया गया। जहां चिकित्सकों की टीम ने उनका इलाज किया।