भाले गांव के लोगों को 12 वर्षो से नहीं मिल रहा राशन
रुन्नीसैदपुर प्रखंड के भाले गांव वार्ड एक और दो के करीब दर्जनों परिवार को 12 वर्षो से राशन नहीं मिल रहा है। दो लोकसभा व दो विधानसभा चुनाव हो गए। हर चुनाव में खड़े प्रत्याशियों द्वारा इन्हें राशन कार्ड मुहैया कराने का आश्वासन दिया जाता है। लेकिन चुनाव बाद समस्या निदान के लिए कोई जनप्रतिनिधि पहल नहीं करते हैं।
सीतामढ़ी । रुन्नीसैदपुर प्रखंड के भाले गांव वार्ड एक और दो के करीब दर्जनों परिवार को 12 वर्षो से राशन नहीं मिल रहा है। दो लोकसभा व दो विधानसभा चुनाव हो गए। हर चुनाव में खड़े प्रत्याशियों द्वारा इन्हें राशन कार्ड मुहैया कराने का आश्वासन दिया जाता है। लेकिन, चुनाव बाद समस्या निदान के लिए कोई जनप्रतिनिधि पहल नहीं करते हैं। गांव में करीब 15 सौ मतदाता हैं। इनमें अधिकांश दलित - महादलित व अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। गांव की समीना खातून, जसीमन खातून, नाजो खातून, इंदु देवी, चंद्रकला देवी, सुकमालत देवी आदि कहती हैं कि वे लोग राशन कार्ड के लिए सरकारी कार्यालयों का दौड़ लगाते-लगाते थक चुकी हैं। आरटीपीएस एवं जीविका के माध्यम से भी कई बार आवेदन दिया। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी तक कोई जनप्रतिनिधि भी हमारी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। हमलोग थक चुके हैं। जब राशन कार्ड नहीं मिलेगा तो राशन कहां से मिलेगा। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए राशन व एक-एक हजार रुपये नकद राशि का लाभ उन्हें नहीं मिला। गांव की अधिकांश आबादी दैनिक मजदूरी कर जीवन-यापन करती है। पंचायत प्रतिनिधि भी उनकी समस्या का निदान करने में विफल साबित हो रहे हैं।