पीरियड्स के बारे में खुलकर चर्चा करने की जरूरत, जागरूकता के लिए हर स्तर पर हों उपाय

सीतामढ़ी। पीरियड्स यानी माहवारी एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में आज भी हमारे समाज में खुलक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:38 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:38 AM (IST)
पीरियड्स के बारे में खुलकर चर्चा करने की जरूरत, जागरूकता के लिए हर स्तर पर हों उपाय
पीरियड्स के बारे में खुलकर चर्चा करने की जरूरत, जागरूकता के लिए हर स्तर पर हों उपाय

सीतामढ़ी। पीरियड्स यानी माहवारी एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में आज भी हमारे समाज में खुलकर बात नहीं की जाती है। पीरियड्स की भुग्तभोगी लड़कियां भी इसपर खुलकर बोलने में शर्माती हैं। जिससे इसके संबंध में लोगों का ज्ञान आधा-अधूरा ही है। इसका परिणाम यह है कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस चुनौती से पार पाने के लिए विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है और जागरूकता के लिए तमाम कार्यक्रम भी होते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को जिला प्रशासन के सहयोग से नव अस्तित्व फाउंडेशन एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को सफलता पूर्वक लागू करने को लेकर कार्यशाला आयोजित हुई। समाहरणालय के परिचर्चा भवन में डीडीसी तरनजोत सिंह की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के साथ इस कार्यशाला में माहवारी स्वछता प्रबंधन विषय पर खुलकर चर्चा हुई और लोगों को जागरूक किया गया। नव अस्तित्व फाउंडेशन की प्रतिनिधि पल्लवी सिन्हा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी जिले के चयनित रीगा ब्लॉक में जीविका, आइसीडीएस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, जनसंपर्क, कल्याण विभाग आदि के सहयोग से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा। इसके पूर्व पटना से ऑनलाइन जुड़े यूनिसेफ के राज्य प्रतिनिधि ने भी वर्चुअल माध्यम से अपने विचार रखे। डीडीसी तरनजोत सिंह ने सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं यथा कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना आदि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी संबधित योजनाओं को एक साथ लाकर आपसी समन्वय के माध्यम से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम को सफलता पूर्वक लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज भी माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां, अंध विश्वाश आदि व्याप्त है, जिसको लेकर व्यापक जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों विशेषकर सूचना एवं जनसंपर्क एवं मीडिया के विभिन्न माध्यमों से व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। डीपीआरओ परिमल कुमार ने कहा कि माहवारी स्वच्छता को लेकर जिले की सक्सेस स्टोरी को विभिन्न माध्यमों से जन-जन तक पहुंचाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों के द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

मीडिया व जीविका दीदियों का सहयोग लेने पर जोर

जीविका डीपीएम इंदु शेखर ने कहा कि जीविका के प्रत्येक स्तर पर कार्यरत जीविका दीदियों और समुदाय की महिलाओं के बीच माहवारी स्वच्छता प्रबंधन हेतु कार्यशाला सह प्रशिक्षण को लेकर कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएगा। संस्था के सहयोग से जीविका दीदियों के द्वारा सस्ते एवं गुणवत्तापूर्ण सैनेटरी पैड निर्माण को लेकर योजना बनाई जाएगी। कार्यशाला में उपस्थित डॉ. रविद्र यादव ने माहवारी के विषय में अंधविश्वास, मिथक पर प्रकाश डालते हुए उसके वैज्ञानिक पहलुओं पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त संस्था की प्रतिनिधि अमृता सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भी अपनी बात रखी। बैठक ने उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। कार्यशाला में सभी विभागों को माहवारी जैसे संवेदनशील विषय पर एक मंच पर लाकर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं, चुनौतियों तथा सुझाव एवं समाधान पर व्यापक चर्चा की गई। ताकि, सीतामढी जिले के रीगा ब्लॉक में नव अस्तित्व फाउंडेशन व यूनिसेफ, बिहार की इस महत्वपूर्ण योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल, डीईओ सचिद्र कुमार, जीविका डीपीएम इंद्र शेखर इंदु, रूपम कुमारी, प्रभारी सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई सोनी कुमारी, नव अस्तित्व फाउंडेशन की प्रतिनिधि पल्लवी सिन्हा, अमृता सिंह, उज्ज्वल कुमार, प्रकाश ठाकुर, ज्योति शर्मा, और नूतन साह आदि उपस्थित थे।

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