सीतामढ़ी के श्रीबऊआ हनुमान मंदिर पर अतिक्रमण के मामले में तीन हफ्ते में निर्णय ले सरकार

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी शहर स्थित श्रीबऊआ हनुमान मंदिर पर अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर संघर्षरत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 11:50 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:50 PM (IST)
सीतामढ़ी के श्रीबऊआ हनुमान मंदिर पर अतिक्रमण के मामले में तीन हफ्ते में निर्णय ले सरकार
सीतामढ़ी के श्रीबऊआ हनुमान मंदिर पर अतिक्रमण के मामले में तीन हफ्ते में निर्णय ले सरकार

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी शहर स्थित श्रीबऊआ हनुमान मंदिर पर अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर संघर्षरत मुन्नी खातून की मेहनत रंग लाई है। इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने सीतामढ़ी के डीएम को तीन हफ्ते में सुनवाई कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने मुन्नी खातून की लोकहित याचिका को निष्पादित करते हुए उक्त निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि महावीर मंदिर में आम श्रद्धालुओं के पूजा-पाठ करने पर अतिक्रमणकारियों ने रोक लगा दी है। मंदिर में अवैध निर्माण कर दुकानें खोल दी गई हैं। कुछ लोग अपनी करतूतों से एक सार्वजनिक ट्रस्ट को निजी धार्मिक ट्रस्ट की शक्ल देने में लगे हैं। उक्त मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी छूट दी है कि डीएम के अलावा वह किसी सक्षम प्राधिकार के समक्ष भी मामले को ले जा सकती हैं। उक्त प्राधिकार को कानूनी तरीके से याचिकाकर्ता की अर्जी पर सुनवाई कर जल्दी निर्णय देना होगा। मंदिर को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए चार वर्षों से संघर्षरत हैं मुन्नी खातून भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश मंत्री सह श्री महावीर मंदिर जीर्णोद्धार समिति की पूर्व अध्यक्ष मुन्नी खातून ने सीतामढ़ी पुराना बस स्टैंड स्थित श्री बउआ हनुामन महावीर मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु 18 दिसंबर, 2020 को आए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अंतिम निर्णय के विरूद्ध 16 मार्च, 2021 को पटना हाईकोर्ट में केस दायर किया। मुन्नी खातून का कहना है कि 1951 में स्थापित श्री बउआ हनुमान महावीर मंदिर को पूर्ण रूप से विध्वस्त कर मंदिर की भूमि को अतिक्रमित कर रखा था जिसे अतिक्रमणमुक्त कराने एवं मंदिर का पुन: जीर्णाेद्धार हेतु पिछले चार वर्षों से जिलेवासियों के सहयोग से संघर्ष कर रही हैं।

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