डीएम-एसपी की अपील, घर में ही मनाएं ईद, कोरोना से रहें सतर्क

सीतामढ़ी। जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय सहित वरीय अधिक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:27 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:27 AM (IST)
डीएम-एसपी की अपील, घर में ही मनाएं ईद, कोरोना से रहें सतर्क
डीएम-एसपी की अपील, घर में ही मनाएं ईद, कोरोना से रहें सतर्क

सीतामढ़ी। जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय सहित वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर ईद को लेकर विधि-व्यवस्था का संधारण, कोरोना टीकाकरण में तेजी लाने आदि को लेकर जरूरी निर्देश दिए। मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की कि ईद का त्योहार घरों में ही मनाएं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एहतियात बरतना बेहद जरूरी है। थानाध्यक्ष एवं तमाम पदाधिकारियों को अधिकारी द्वय ने आदेश दिया कि लगातार क्षेत्र भ्रमण कर स्थिति पर नजर बनाए रखें। हरहाल में लॉकडाउन का अनुपालन पूरी सख्ती से करवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन का उलंघन करने वालों पर कार्रवाई से नहीं हिचके। डीएम ने कहा कि लॉक डाउन के बाद पिछले तीन-चार दिनों में संक्रमण में कमी भी आई है। उन्होंने कहा कि लोगों से अपील करें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग अपने घरों में ही ईद पर्व मनाएं। इसको लेकर माइकिग के द्वारा भी लोगों से अपील की जाए। वरीय अधिकारी कोविड को निर्देश दिया कि टीकाकरण में तेजी लाएं तथा दूसरी डो•ा वाले को हर हाल में ससमय टीका मिल जाए यह सुनिश्चित करें। टेस्टिग, होम आइसोलेशन, कोविड हेल्थ सेंटर की व्यवस्था, एंबुलेंस की व्यवस्था, ऑक्सीजन की उपलब्धता, दवाओं की उपलब्धता आदि के संबंध में भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि फ्रंट लाइन वर्कर का भी टीकाकरण पर जोर दें। रोजा रख कर इंसान को बुराई से रुक जाना है: शेख जियाउल सीतामढ़ी। रम•ान का मुकद्दस महीना के आखिरी पड़ाव पर है। रम•ान रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से निजात का है। यकीनन उनके लिए है, जिसने इस पवित्र महीना का ऐहतराम किया। जिसने इसकी कद्र की। जिसने इस महीना में पाबंदी के साथ रोजा रखा, नमाज पढ़ी, तरावीह की नमाज अदा की, कुरान का तिलावत किया। जकात एवं फ़तिरा अदा किया। यह कहना है ह्यूमन वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष शेख जियाउल रहमान का। उन्होंने कहा कि जो लोग इस बरकत के महीने मे भी अल्लाह को राजी नहीं कर पाए, वह बदनसीब लोग हैं । जिसने इस महीना को पाकर भी इबादत नहीं कर पाया। रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रह जाने का नाम नहीं है। बल्कि रोजा रख कर इंसान को बुराई से रूक जाना है। हाथों से कोई बुरा काम न हुआ हो, पैर बुराई की तरफ न उठा हो, आंखे बुरी चीजें देखने से परहेज किया हो, कान से किसी की बुराई न सुनी हो न जुबान किसी के बुराई के लिए इस्तेमाल हुआ हो। रोजेदार को इन चीजों का ख्याल ऱखना अनिवार्य है। इस्लाम मजहब के पांच स्तंभ में एक रोजा भी है। वहीं रम•ान मे मोमिन जकात निकाल गरीब एवं असहाय की मदद करते हैं ताकि उसकी भी ईद अच्छी मन सके। कोरोना वायरस को लेकर मुस्लिम समुदाय इफ्तार पार्टी के आयोजन से दूर रहें, जबकि एक रोजेदार को इफ्तार कराने का बहुत शबाब है। लेकिन, कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन किया जाना चाहिए।

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