कोरोना से बेखौफ डॉ. प्रतिमा आनंद ने अपने नर्सिंग होम में कराया सुरक्षित प्रसव

सीतामढ़ी। एक तरफ कोरोना संक्रमण से जहां सारा आलम जूझ रहा है वहीं इस परिवार में एक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:56 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 11:56 PM (IST)
कोरोना से बेखौफ डॉ. प्रतिमा आनंद ने अपने नर्सिंग होम में कराया सुरक्षित प्रसव
कोरोना से बेखौफ डॉ. प्रतिमा आनंद ने अपने नर्सिंग होम में कराया सुरक्षित प्रसव

सीतामढ़ी। एक तरफ कोरोना संक्रमण से जहां सारा आलम जूझ रहा है वहीं इस परिवार में एक नए मेहमान के आने से घर खुशियों से आबाद हो गया है। कोरोना काल के इस दौर में जब इस भयंकर महामारी से हर कोई बचना चाहता है उस समय शहर की प्रख्यात गायनोलॉजिस्ट डॉ. प्रतिमा आनंद अपनी जान जोखिम में डालकर सुरक्षित प्रसव करा रही हैं। हालांकि, इस दौरान वह खुद और अपने स्टाफ को कोरोना से बचाने के लिए सुरक्षा इंतजामों का पूरा प्रबंध रखती हैं। साथ ही जच्चा-बच्चा को भी संक्रमण से बचाती हैं। रुन्नीसैदपुर के गाढ़ा गांव निवासी रिटायर्ड कर्नल अभय कुमार सिंह व रेखा सिंह की पुत्री अर्चना सिंह को उनके स्वजन शहर के ही एक निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए ले गए थे। अर्चना की बहन नेहा राठौर ने बताया कि वहां के डॉक्टर दंपती ने प्रसव कराने का खतरा मोल लेने से इनकार करते हुए दूसरी जगह जाने की सलाह दे दी। नेहा ने यह भी बताया कि पहले से इसी नर्सिंग होम में उनके लोग इलाज कराते रहे हैं, मगर कोरोना के डर से डॉक्टर दंपती ने साफ मना कर दिया। इसी बीच डॉ. प्रतिमा आनंद को उन्होंने फोन मिलाया तो वह सहर्ष तैयार हो गईं। अस्पताल रोड में अपने नर्सिंग होम के बदले उन्होंने कपरौल रोड में अपने आवासीय नर्सिंग होम पर ही प्रसव कराया।

कोविड के समय में डिलीवरी के लिए आगे आईं डॉ. प्रतिमा

डॉ. प्रतिमा का कहना है कि उनकी पहली कोशिश नॉर्मल डिलीवरी की होती है लेकिन, सीजेरियन केस था, सो ऑपरेशन करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है। नेहा राठौर ने बताया कि शनिवार को अपराह्न 12 बजे उनकी बहन को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। उससे पहले एक पुत्री है जिसका नाम अद्या है। उसके पिता अभिषेक कुमार फौजी हैं और अरवल राजस्थान में तैनात हैं। नेहा ने बताया कि फौजी होने के नाते इस परिवार से डॉक्टर ने फीस में काफी कटौती कर दी। कोरोना संक्रमण के बीच सुरक्षित प्रसव कराना वाकई चुनौती पूर्ण कार्य है। दरअसल, कोविड के समय में कुछ अस्पताल ही प्रसव संबंधित सुविधाएं दे रहे हैं और और उनके चार्ज बहुत ज्यादा हैं। जिसके चलते डिलीवरी के लिए घर-परिवार के लोग दौड़-भाग कर रहे हैं। महिलाओं के प्रसव को लेकर कोरोना काल में भी अस्पताल अपनी जिम्मेवारी बखूबी निभा रहा है। लोगों को भी इसका फायदा हो रहा है।

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