तनख्वाह मांगने को लेकर मजदूर को पीटकर मार डालने का आरोप, पुलिस बोली-हो रही जांच
सीतामढ़ी। रीगा थाना क्षेत्र के भवदेपुर स्थित चमड़ा गोदाम में काम करने वाले मजदूर की मौत के ब
सीतामढ़ी। रीगा थाना क्षेत्र के भवदेपुर स्थित चमड़ा गोदाम में काम करने वाले मजदूर की मौत के बाद बवाल अनियंत्रित हो गया। पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो शायद इसको टाला भी जा सकता था। लोग पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। पुलिस कप्तान हरकिशोर राय के योगदान के बाद जिले में यह अपने तरह की पहली और बड़ी वारदात हुई। आक्रोशितों ने जमकर तोड़फोड़ की और घंटों उत्पात मचाया। सड़क किनारे स्थित कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। उन दुकानों के सामान निकालकर सड़क पर जला दिए गए। कई मोटरसाइकिलें फूंक डाली गई। कार, ऑटो समेत कई वाहनों के शीशे चकनाचूर कर दिए गए। कई घरों पर पत्थर बरसाए गए। भवदेपुर रेलवे गुमटी के पास भगदड़ मची रही। लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। घंटों बाद सदर एसडीएम राकेश कुमार और एसडीपीओ सदर रमाकांत उपाध्याय दलबल के साथ पहुंचे। परिजनों की मानें तो रौशन बचपन से ही इस चमड़ा गोदाम में काम करता था। स्वजनों का आरोप है कि तनख्वाह का बकाया पैसा मांगने पर बेरहमी से पीटा गया जिससे उसने दम तोड़ दिया। हालांकि, पुलिस का कहना है कि सभी बिदुओं पर जांच की जा रही है।
थानाध्यक्षों व डीएसपी को भी मीडिया से बात करने पर पाबंदी
भवदेपुर का इलाका बुधवार रात से दोपहर तक अशांत रहा। कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था। पुलिस के अफसरों से बात करने पर उन्होंने दो टूक कह दिया कि एसपी साहब ने मीडिया से बात करने पर पाबंदी लगा रखी है। डीएसपी सदर रमाकांत उपाध्याय ने ऑन कैमरा ये बात कही। उधर, एसपी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मीडिया के जो भी सवाल हैं, जानकारी चाहिए या आधिकारिक पुष्टि की बात हो, वाट्सएप ग्रुप में अपनी बातें रखें, समय मिलने पर उनका जवाब दिया जाएगा। इस बात को लेकर पुलिस कप्तान व मीडियाकर्मियों में बहस भी हुई। मीडियाकर्मियों ने एसपी से कहा कि आप न स्वयं बात करते हैं, न अफसरों को बात करने देते तो किसी मामले में पुलिस का पक्ष कैसे जाना जाएगा। इसपर उन्होंने वाट्सएप ग्रुप में अपनी बात रखने की सलाह दी।