छठ महापर्व पर भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज, घर पर ही छठ व्रत का अनुष्ठान करें

सीतामढ़ी। लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को खरना के बा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:04 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:04 PM (IST)
छठ महापर्व पर भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज, घर पर ही छठ व्रत का अनुष्ठान करें
छठ महापर्व पर भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज, घर पर ही छठ व्रत का अनुष्ठान करें

सीतामढ़ी। लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन शनिवार को खरना के बाद रविवार को भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित किया जाएगा। छठ व्रती रविवार को भगवान भास्कर को पहला सायंकालीन अ‌र्घ्य प्रदान करेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी घाटों पर छठी मइया के गीतों की स्वर लहरियां नहीं सुनाई देंगी। संक्रमण से बचने के लिए छठी मइया से मन्नतें खूब मांगी जाएंगी। घर-घर में छठ पूजा की तैयारी चल रही है। लोगों में इस बार इस बात को लेकर उमंग है कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ घर में मौजूद हैं। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने छठ व्रतियों को महापर्व की शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उनसे अपील की हैं कि सार्वजनिक स्थलों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं किया जाए। प्रशासन ने इसपर रोक लगा दी है। डीएम ने कहा है कि छठ व्रती अपने-अपने घरों में छठ पर्व करेंगे। साथ ही रामनवमी मेला जुलूस का आयोजन भी नहीं किया जाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। डीएम ने इस सूचना का व्यापक प्रचार-प्रसार जिले के सभी बीडीओ, सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं ताकि, आमजन एवं छठव्रतियों को इसकी जानकारी हो सके। दूसरी ओर 30 अप्रैल तक सभी धार्मिक स्थल आमजन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। सार्वजनिक स्थल पर किसी भी प्रकार के आयोजन सरकारी या निजी स्तर पर नहीं करने की हिदायत दी गई है। व्रतियों ने किया खरना, अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य आज बथनाहा। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना का अनुष्ठान किया। दिन भर उपवास रखकर व्रती शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर पूजा अर्चना की और फिर प्रसाद ग्रहण किया। षष्ठी तिथि 18 अप्रैल यानी रविवार को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य देगी। चैती छठ का समापन 19 अप्रैल सप्तमी तिथि सोमवार को होगा इस दिन सूर्योदय से पहले व्रती नदी या तालाब के पानी में उतरकर अ‌र्घ्य देंगी और सूर्यदेव से अपनी तथा अपने स्वजनों के कल्याण की कामना को लेकर उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पर्व का समापन करेगी। उसके बाद अन्न-जल ग्रहण कर पारण का अनुष्ठान कर व्रत का समापन किया जाएगा। हालांकि करोना सक्रमण को लेकर इस बार घर पर ही छठ करने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है। छठ पर्व के बारे में पंडित पारसनाथ आचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं। यही वजह है कि छठ में सूर्य देव को पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि छठी मैया संतानों की रक्षा करती है और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। शास्त्रों में षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी का मानस पुत्री भी कहा जाता है।

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