बंद का मिला-जुला असर, किसानों के समर्थन में समूचा विपक्ष सड़क पर उतरा, खूब हुआ विरोध-प्रदर्शन

सीतामढ़ी। किसान संगठनों के भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर दिखा। प्रमुख विपक्षी दल राजद के साथ ही कांग्रेस भाकपा माले और जाप जैसी पार्टियां बंद को सक्रिय समर्थन दे रहीं थीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 12:09 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 12:09 AM (IST)
बंद का मिला-जुला असर, किसानों के समर्थन में समूचा विपक्ष सड़क पर उतरा, खूब हुआ विरोध-प्रदर्शन
बंद का मिला-जुला असर, किसानों के समर्थन में समूचा विपक्ष सड़क पर उतरा, खूब हुआ विरोध-प्रदर्शन

सीतामढ़ी। किसान संगठनों के भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर दिखा। प्रमुख विपक्षी दल राजद के साथ ही कांग्रेस, भाकपा माले और जाप जैसी पार्टियां बंद को सक्रिय समर्थन दे रहीं थीं। इन पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतरकर बंद को सफल बनाने में जुटे रहे। बंद समर्थकों ने सड़कों पर यातायात रोक दिया। इसका असर शहर के प्रमुख मार्गों पर दिखा। ग्रामीण इलाकों में असर नहीं के बराबर रहा। तीनों कृषि कानून को रद करने, एम एसपी सीटू प्लस 50 फीसद पर कानून बनाने, बिजली बिल 2020 वापस करने सहित स्थानीय मांगें बंद रीगा चीनी मिल को चालू कराने, किसानों-कामगारों के बकाया भुगतान सहित अन्य सवालों पर संयुक्त किसान मोर्चा तथा एआईकेएससीसी के तत्वावधान में हजारों किसानों, ट्रेड यूनियन संगठनो तथा राजनीतिक दलों के समर्थकों ने सीतामढी़ शहर को बंद कराया। मेहसौल चौक को जामकर किसान नेताओं व महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। जिससे सभी छोटी-बडी़ वाहनों की आवाजाही बंद रही। किसानों का जत्था शहर में जूलूस निकालकर सभी दुकानदारों, वाहन चालकों से बंद को सफल बनाने का आग्रह किया। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का जूलूस शहर के मुख्य मार्ग होते जानकी स्थान पहुंचा। कोट बाजार होते हुए कारगिल चौक पहुंचकर सड़क जाम कर दिया। सरकार नहीं चेती तो चुप नहीं बैठेंगे अन्नदाता कारगिल चौक पर मोर्चा नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता से आंदोलन लंबा खिच रहा है और आंदोलन जन-जन तक पहुंच गया है, जो आने वाले समय में सरकार को सवक सिखाएगा। स्थानीय मांगों पर बिहार सरकार की उपेक्षा से भी किसान आक्रोशित थे और केंद्र के साथ बिहार सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेवाजी की गई। बंद का नेतृत्व संयुक्त मोर्चा के नेता प्रो. आनंद किशोर, जयप्रकाश राय, जलंधर यदुबंशी, विश्वनाथ बुन्देला, बैधनाथ हाथी, संजय कुमार, आलोक सिंह, केदार शर्मा, वरीय अधिवक्ता रामपदारथ मिश्र, संजीव सिंह, शशिधर शर्मा, लालबाबू मिश्र, मुकेश मिश्र, राजकिशोर ठाकुर, आफताब अंजुम, चंद्रदेव मंडल, ई.कृष्ण यादव, दिनेशचन्द्र द्विवेदी, भिखारी शर्मा, पारसनाथ सिंह, सुरेन्द्र यादव, रामबाबू सिंह, संजीव सिंह, ग्यासुद्दीन, अशोक कुमार, विजय सिंह, दिलीप कुमार पाण्डेय, सुरेश बैठा, नवीन कुमार सिंह, रामपुकार साह, अवधेश यादव, नरेश झा, उमाशंकर सिंह, मुकेश कुमार, इमरान, रणधीर कुमार सिंह,अशोक निराला,सुधीर यादव, जग्रनाथ यादव, अनवर अंसारी, सुशीला देवी, अनवर अली, मो.नुरैन,शिव कुमार, नूर हसन, चुनचुन सिंह, अबरार, गजेंद्र राय, रवि महतो ने किया।

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