मिथिला भक्ति व प्रेम का नगर, भगवान राम भी बिन बुलाए चले आए

नौ दिवसीय सत्संग भागवत ज्ञान महायज्ञ का आयोजन चोरौत के दुर्गा चौक स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में किया गया। ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ चोरौत उत्तरी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मुकेश सिंह की ओर से राधा-कृष्ण की महाआरती से हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:49 PM (IST)
मिथिला भक्ति व प्रेम का नगर, भगवान राम भी बिन बुलाए चले आए
मिथिला भक्ति व प्रेम का नगर, भगवान राम भी बिन बुलाए चले आए

सीतामढ़ी । नौ दिवसीय सत्संग भागवत ज्ञान महायज्ञ का आयोजन चोरौत के दुर्गा चौक स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में किया गया। ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ चोरौत उत्तरी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मुकेश सिंह की ओर से राधा-कृष्ण की महाआरती से हुआ। यह यज्ञ अयोध्या से आए भागवताचार्य के साथ अन्य आचार्यो के द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को भागवताचार्य पंडित आनंद भारद्वाज जी महाराज ने प्रथम दिन की कथा में भगवत जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलि के प्रभाव से लोगों के अंदर से भक्ति ज्ञान वैराग्य और विवेक का अभाव होने लगा है तो नारद जी ने सनकादि द्वारा श्रीमद्भागवत की भागीरथी से स्नान कराकर समस्त जन मानस के अंदर भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की गंगा प्रवाहित कर दिया। साथ ही अयोध्या से पधारे आचार्यो ने मिथिला महिमा का भी वर्णन किया। कहा कि मिथिला भक्ति व प्रेम का नगर है इसलिए भगवान राम बिना बुलाए यहां पैदल चले आए। इस कार्यक्रम में आयोजक बाबा प्रमोद दास, राज स्वाद पहलवान जी, बांसुरी वादक संत श्रीराजन जी, तबला वादक मोहन जी के साथ दिनेश व्यास, सत्यम पांडे के साथ सैकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद थे। स्वामी सिया रघुनाथ शरण की स्मृति दिवस पर सीता आराधना का आयोजन सुरसंड प्रखंड के रघरपुरा ग्राम में मिथिला के महान संत साकेतवासी स्वामी सियारघुनाथ शरण के 34 वें साकेत गमन दिवस के अवसर पर स्मृति महोत्सव का आयोजन उनकी जन्मभूमि पर किया गया । इस अवसर पर सीता अराधना का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मिथिला के सुमधुर मंडलियों द्वारा संगीतमय तरीके से रामचरितमानस का गायन किया गया । मिथिला के संतो व भक्तों के लिया भंडारा का आयोजन किया गया । संत श्री माधव दास ने महाराज श्री के आदर्शो पर चलने के लिए प्रेरित किया और गुरु महिमा पर प्रकाश डाला गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से संत श्री अजय दास जी महाराज, सिया पिया केली कुंज सीतामढ़ी संत श्री राघवशरण जी, लक्ष्मण सिंह ,,श्री सतनारायण सिंह, वेद प्रकाश व्यास जी व नवीन कुमार आदि शामिल हुए ।

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