मानक के अनुरूप उपलब्ध नहीं मॉडल केंद्र पर सामग्री

बच्चों में पोषण और शिक्षण को लेकर चलाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार कुछ केंद्रों को मॉडल केंद्र का दर्जा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Sep 2019 12:42 AM (IST) Updated:Sat, 07 Sep 2019 06:39 AM (IST)
मानक के अनुरूप उपलब्ध नहीं मॉडल केंद्र पर सामग्री
मानक के अनुरूप उपलब्ध नहीं मॉडल केंद्र पर सामग्री

सीतामढ़ी। बच्चों में पोषण और शिक्षण को लेकर चलाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार कुछ केंद्रों को मॉडल केंद्र का दर्जा दिया। जहां अन्य केंद्रों के बच्चों के रख रखाव, पोषण और शिक्षण की बेहतर व्यवस्था की गई। इसके लिए केंद्रों अलग से आवंटन भी किया गया। लेकिन केंद्र पर मॉडल केंद्र के मानक के अनुरूप व्यवस्था नहीं हो सकी है। हालांकि अन्य केंद्रों से बेहतर शिक्षण, स्वच्छता, पोषण और रख-रखाव देखी गई है। डुमरा प्रखंड के मुरादपुर वार्ड 4 स्थित मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 235 की स्थिति अन्य केंद्रों से बेहतर है। जब दैनिक जागरण की टीम केंद्र पर पहुंची तो सेविका द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। केंद्र के अंदर अच्छी साफ सफाई थी और बच्चे कुर्सी पर बैठ कविता पाठ का अभ्यास कर रहे थे। केंद्र पर टीवी व पंखा लगा था, लेकिन दोनों ही बंद थे। बगल में ही इंवर्टर का बैट्री भी था। पूछे जाने पर सेविका रीना कुमारी ने बताया कि इंवर्टर खराब था, बनने के लिए दिया गया है तथा बैट्री भी खराब है। इसे भी बनने के लिए भेजा जाना है। इसके बाद सेविका ने अपने घर से केंद्र को लाइन दिया तथा टीवी व पंखा चलवाया। टीवी पर शिक्षण संबंधी गीत आते ही बच्चे गाना गाते हुए झूमने लगे। इसके बाद बच्चों को हाथ धुलवाकर मेन्यू के अनुसार हलुआ दिया। सहायिका लालो देवी सभी बच्चों का हाथ धुलवाई तथा पुन: बैठा कर प्लेट में हलुआ दिया। बच्चे हलुआ का जमकर लुत्फ उठाते हुए खुश नजर आ रहे थे। इसके बाद घर को प्रस्थान कर गए। केंद पर 30 बच्चे में 26 बच्चे माजूद थे। केंद्र पर स्वच्छ जल के लिए टंकी लगी है, शौचालय भी है। मॉडल केंद्र को लेकर आलमीरा भी दिया गया है, लेकिन बेहद कमजोर। सेविका ने बताया कि टीवी तो ठीक है लेकिन इंवर्टर व बैट्री शुरू से ही खराब है, जरूरत पर वह अपने घर से लाइन का कनेक्शन देकर टीवी व पंखा चलाती है। मॉडल केंद्र के कारण विभाग द्वारा दो दरी, तीस कुर्सी, पंखा, टीवी, पानी टंकी, बेसिन, आलमीरा दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र की डेंटिग व पेंटिग कर सजाया गया। बच्चों के पोशाक में नहीं होने पर बताया कि विभाग द्वारा उन्हें बच्चों के अभिभावकों को पैसा देना होता है। कुछ अभिभावक पोशाक खरीदते और प्राय: पोशाक नहीं खरीदते हैं।

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