वतन चमन और हम हैं माली, इसकी करनी है रखवाली
जिला स्थापना दिवस के अवसर पर शहर के सोनापट्टी स्थित लोहिया भवन में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के संरक्षक उमाशंकर लोहिया ने की तो संचालन संगठन मंत्री वाल्मीकि कुमार ने किया।
सीतामढ़ी । जिला स्थापना दिवस के अवसर पर शहर के सोनापट्टी स्थित लोहिया भवन में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के संरक्षक उमाशंकर लोहिया ने की तो संचालन संगठन मंत्री वाल्मीकि कुमार ने किया। साहित्यकारों ने जिला स्थापना दिवस समारोह में जिला प्रशासन द्वारा आमंत्रित नहीं किए जाने पर रोष प्रकट किया। कार्यक्रम का आगाज बच्चा प्रसाद विह्वल की रचना 'मैं आदमी था बड़े काम का नाकाम बना डाला, मैं गुमनाम था गली का बदनाम बना डाला'से हुआ। प्रकाश वत्स ने 'मन सारे कर्मों का कारण, सुख - दु:ख का आधार है' और रामबाबू सिंह ने 'वतन चमन और हम हैं माली, इसकी करनी है रखवाली' प्रस्तुत की। वहीं जितेंद्र झा आ•ाद ने 'राह में रुक जाए कदम, वो सफर है क्या'जिलाध्यक्ष मुरलीधर झा मधुकर ने 'सीतामढ़ी जिला नहीं, यह तीर्थधाम है, माता जानकी का यह जन्म स्थान है'प्रस्तुत कर पुरजोर तालियां बटोरी। वाल्मीकि कुमार ने दिल्ली अग्निकांड के संदर्भ में अपनी रचना 'चीख मची है झोपड़पट्टी में, सिसक रहा वो गांव है, रोटी की चाहत वालों को, दिल्ली ने दी घाव है'प्रस्तुत कर अपनी संवेदना प्रकट की। कलानेत्री प्रीति सुमन ने 'सिया सुकुमारी ससुर घर चललन, भे गेल मिथिला वीरान'प्रस्तुत कर मिथिलांचल की परंपरा का जीवंत चित्रण किया। उमाशंकर लोहिया ने 'सीतामढ़ी में धरती की गर्भ से जन्मी थीं सीता, पतिव्रता, त्याग और लज्जा की मूíत थीं सीता'की प्रस्तुति कर जगत जननी माता का इस स्थान से जुड़ाव को रेखांकित किया। राम किशोर सिंह चकवा ने 'नारी ही नर की जननी है, नर होकर अपमान न कर'झकझोर दिया। अंत मे वरीय साहित्यकार सह नई सुबह पत्रिका के संपादक डॉ. प्रो. दशरथ प्रजापति ने जिला स्थापना दिवस की बधाई देते हुए अपनी रचना Xह्नह्वश्रह्ल;पुण्य मनोरम स्थली, जनक नंदिनी वास, जीव सकल संतोषप्रद, प्रीति, आस, विश्वास'प्रस्तुत कर पुरजोर तालियां बटोरी।