बुवाई से पूर्व धान के बीज को 15 घंटे तक पानी में छोड़ना जरूरी

डुमरा प्रखंड के भूप भैरौ में कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से समाजिक दूरी अपनाते हुए धान की वैज्ञानिक खेती विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 12:05 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 12:05 AM (IST)
बुवाई से पूर्व धान के बीज को 15 घंटे तक पानी में छोड़ना जरूरी
बुवाई से पूर्व धान के बीज को 15 घंटे तक पानी में छोड़ना जरूरी

सीतामढ़ी। डुमरा प्रखंड के भूप भैरौ में कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से समाजिक दूरी अपनाते हुए धान की वैज्ञानिक खेती विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक सच्चिदानन्द प्रसाद ने बताया कि जो किसान सब्जी की खेती करते है उन्हें अल्प अबधि एवं ऊपरी जमीन के लिए प्रजाति प्रभात, तुरन्ता, सरोज,राजेन्द्र भगवती, रिछारीया आदि को 10 जुलाई तक नर्सरी गिरा लें । एक एकड़ खेत की रोपाई के लिए 10किलोग्राम बीज का प्रयोग करें। सबसे पहले धान को 15 घंटों तक पानी में छोड़ दें इसके बाद बाहर निकाल कर बीज को फैला दे फिर 2 ग्राम कर्बेन्डाजिम एक किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर उपचारित कर जूट के बोरे से ढंक कर 20-25 घंटे तक छोड़ दें। इसके बाद अच्छे से तैयार किए गए खेत में बीज गिरा दें। खरपतवार नर्सरी में न हो इसके लिए अगर किसान भाई अछरुया विधि द्वारा गिरा रहे हैं तो बीज गिराने के 8 वें दिन ब्यूटाक्लोर 5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी की दर से स्प्रे कर दें। बिचड़े की आयु 25 दिन का हो गया हो उसे रोपाई के लिए विलंब न करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि समन्वयक कुमार गौरव, किसान सलाहकार विमल कुमार सुमन एवं रामलाल सिंह, अंगध कुमार समेत 25 किसान उपस्थित थे ।

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