ग्रिड के शिलान्यास के साथ ही सीतामढ़ी में विकास के नए युग का हुआ सूत्रपात

शहर से सटे परमानंदपुर में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पावर ग्रिड निर्माण की आधारशीला रखी। इसके साथ ही जिले के विकास में एक नए युग का सूत्रपात हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 01:55 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 01:55 AM (IST)
ग्रिड के शिलान्यास के साथ ही सीतामढ़ी में विकास के नए युग का हुआ सूत्रपात
ग्रिड के शिलान्यास के साथ ही सीतामढ़ी में विकास के नए युग का हुआ सूत्रपात

सीतामढ़ी। शहर से सटे परमानंदपुर में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पावर ग्रिड निर्माण की आधारशीला रखी। इसके साथ ही जिले के विकास में एक नए युग का सूत्रपात हुआ। वहीं विकास की रफ्तार को नई उर्जा का भी संचार हुआ। सीतामढ़ी में बनने वाला पावर ग्रिड अगले दो साल में तैयार हो जाएगा। तकरीबन 36 एकड़ बड़े भू-भाग में इस ग्रिड का निर्माण होना है। यहां डायरेक्ट भूटान और नॉर्थ-ईस्ट से बिजली पहुंचेगी, जिसे सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी और चम्पारण तक आपूर्ति की जाएगी। यह पीएम मोदी की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। केंद्र सरकार ने सूबे में इस तरह की तीन परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इसमें एक सीतामढ़ी की झोली में आया है। वन इंडिया वन ग्रिड के तहत सीतामढ़ी का पावर ग्रिड नेशनल ग्रिड से जुड़ जाएगा। इसके साथ ही इलाके की बिजली किल्लत की परेशानी दूर हो जाएगी। पहली अप्रैल से सरकार पूरे देश में 22 घंटे तक बिजली आपूर्ति करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है। इस ग्रिड के निर्माण के बाद 24 घंटे अबाध गति से विद्युत आपूर्ति की राह आसान हो जाएगी। इसके अलावा यह पावर ग्रिड आसपास के इलाके के किसानों की कमाई का भी जरिया बनेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सोलर पावर के जरिए किसानों को पावर ग्रिड से बिजली बेचने की व्यवस्था दी है। किसान सोलर सिस्टम से खेती करेंगे। शेष समय में सोलर से उत्पादित ऊर्जा पावर ग्रिड को बेचेंगे। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री राज कुमार ¨सह ने कहा कि घर-घर बिजली पहुंचाने के बाद अब खेतों पर बिजली पहुंचाने की योजना है। जल्द ही योजना शुरू होगी और किसानों को पटवन के लिए डीजल आधारित पम्प से मुक्ति मिलेगी। हमारी सरकार किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध करा रही है। ऋण और अनुदान पर सोलर पम्प मिलेगा। किसानों को केवल दस फीसद अपनी राशि लगानी होगी। खेती के बाद बचे समय में किसान सोलर पम्प से ऊर्जा का उत्पादन करेंगे। जिसे निकटतम पावर ग्रिड में बेचेंगे। कहा कि इस योजना पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है। कहा कि सोलर पम्प न केवल ¨सचाई का हथियार बनेगा बल्कि आय का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। वैसे सीतामढ़ी में पावर ग्रिड के निर्माण की राह आसान नहीं थी। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके ¨सह ने इसकी स्वीकृति दी। सूबे के ऊर्जा मंत्री विज्येंद्र यादव ने सीतामढ़ी डीएम को 15 जनवरी तक जमीन अधिग्रहण का आदेश दिया। डीएम डॉ. रणजीत कुमार ¨सह ने दिन रात मेहनत कर परमानंदपुर में जमीन का चयन किया, लोगों को विश्वास में लेकर जमीन का अधिग्रहण कराया। इसके बाद ग्रिड के निर्माण की राह आसान हुई। शायद यही वजह है कि सूबे के ऊर्जा मंत्री विज्येंद्र यादव ने अपने संबोधन में डीएम के प्रति आभार जताया, वहीं उन्हें बधाई दी। इधर, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्रबंधक जनसंपर्क एवं राजभाषा एनके सिन्हा ने बताया कि यह ग्रिड उत्तर बिहार के जिलों की दीर्घकालीक विद्युत आवश्यकता को पूरा करने में सुविधा प्रदान करेगा। राष्ट्रीय ग्रिड के साथ राज्य के अंर्तसंबंध को और मजबूत करेगा। ग्रिड में 1400 एमवीए की परिवर्तन क्षमता होगी। इसके अलावा इस ग्रिड से नेपाल को भी बिजली पहुंचाई जाएगी। इस ग्रिड के निर्माण के बाद लो वोल्टेज की समस्या का पूरी तरह समाधान हो जाएगा। बताया कि जनवरी 2021 में ग्रिड बन कर तैयार हो जाएगा। बिहार में पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का यह 16 वां ग्रिड है। उधर, इस ग्रिड के शिलान्यास के साथ ही लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है। ग्रिड निर्माण के बाद इलाके का विकास होगा, आसपास में विद्युत आधारित कंपनियां भी प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में है। जाहिर है कि इलाके में रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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