आंख खुली तो भाई की मौत से दहला दिल, मची चीख-पुकार
समस्तीपुर। कभी-कभी काल का निर्णय कठोर और असहनीय पीड़ा देनेवाला होता है। वर्तमान में कोरोना वायरस संकट के समय में इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं।
समस्तीपुर। कभी-कभी काल का निर्णय कठोर और असहनीय पीड़ा देनेवाला होता है। वर्तमान में कोरोना वायरस संकट के समय में इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। गुरुवार को उजियारपुर थाना क्षेत्र की चांदचौर मध्य पंचायत अंर्तगत शंकर चौक के समीप हुई बस और ट्रक के बीच टक्कर की घटना ने परदेश से घर लौट रहे लोगों पर कहर बरपाया। महाराष्ट्र से मुजफ्फरपुर तक ट्रेन का सफर करने के बाद लोग बस पर सवार होकर कटिहार लौट रहे थे। कुछ ही घंटे की बात थी। वे अपने गृह जिला पहुंच जाते। परंतु, काल को कुछ और ही मंजूर था। सभी सवार नींद में थे। एकाएक तेज आवाज के साथ दो वाहनों की टक्कर हुई। झटके से एकाएक नींद खुली तो चीख पुकार के साथ लोग घायल हो गए। कुछ लोगों के हाथ टूटे तो कुछ के सिर और पांव फूटे। बस चालक के साथ एक सहयात्री की मौत भी हो गई। संक्रमण के भय से लोग मदद से कतराते दिखे
कराहने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी भयभीत हो रहे थे। पंस सदस्य रामदुलार चौरसिया सहित कई लोग मदद में जुट गए थे। परंतु, जब लोगों को पता चला कि महाराष्ट्र से ये लोग लौटे हैं तो लोगों को संक्रमण फैलने का भय होने लगा। इसके बाद प्रशासन को सूचित कर बुलाया और सभी को बचाने में सहयोग किया। अपनी जन्मभूमि में रहकर काम करने की थी तमन्ना
मृतक कटिहार निवासी मजदूर के भाई ने आपबीती बताते हुए कहा कि बस करीब तीन बजे 27 प्रवासियों को लेकर कटिहार के लिए चली थी। इस बीच उन्हें नींद लग गई। घटनास्थल पर जब गाड़ियों की टक्कर हुई तो नींद खुली। आंख खुलते ही सामने भाई खून से लथपथ था। उन्होंने कहा कि हमलोग अब अपने गांव में ही रहकर मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार पालने का संकल्प लिया था। परंतु, भाई को जन्मभूमि तक जाने का नसीब भी नहीं हुआ।