कचरों के सड़ांध का कहर, जन जीवन में घोल रहा जहर

बंद कमरे में सांसे घुटी जाती है खिड़कियां खोलूं तो जहरीली हवा आती है शायर जिगर मुरादाबादी की इन पंक्तियों की तरह ही शहर के कई मोहल्ले के लोग गंदगी व सड़ांध के बीच जीने को अभिशप्त हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 01:01 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 01:01 AM (IST)
कचरों के सड़ांध का कहर, जन जीवन में घोल रहा जहर
कचरों के सड़ांध का कहर, जन जीवन में घोल रहा जहर

सीतामढ़ी। ' बंद कमरे में सांसे घुटी जाती है, खिड़कियां खोलूं तो जहरीली हवा आती है' शायर जिगर मुरादाबादी की इन पंक्तियों की तरह ही शहर के कई मोहल्ले के लोग गंदगी व सड़ांध के बीच जीने को अभिशप्त हैं। जहां उनके घरों के अगल-बगल कूड़े-कचरे के ढेर से निकलती सड़ांध से उनका जीना मुहाल बना हुआ है। गंदगी व सड़ांध से कई लोगों को अपने घरों की खिड़कियां तक बंद रखनी पड़ती है। शहर के रिगबांध लक्ष्मणानगर में सड़क के दोनों ओर, जानकी स्थान से मिरचाईपट्टी की ओर जाने वाली रिगबांध सड़क, नोनिया टोली, कोट बाजार, कारगिल चौक, डुमरा रोड पेट्रोल पंप के समीप, सुरसंड रोड तथा नगर उद्यान के सामने, गली-मोहल्ले से निकाले गए कचरों का ढेर लगा रहता है। जिससे निकलने वाली सड़ांध से जीना दुश्वार होता रहता है।

जगह-जगह पसरी गंदगी का कारण:

शहर में जगह-जगह पसरी गंदगी की वजह कूड़ा का समय पर उठाव नहीं होना तथा गली-मोहल्लों में डस्टबीन का नहीं रहना। जगह-जगह खुले नाले रहने के कारण लोग नाले में भी कचरा डाल देते हैं। जिससे उससे जल निकासी सही ढंग से नहीं हो पाती और नाले का पानी सड़क पर बहता रहता है। जहां अस्थायी रूप से कचरा जमा किया जाता है वहां से प्रतिदिन उठाव नहीं होने से गंदगी पसरी रहती है।

शहर में हैं कुल 150 डस्टबीन : शहर के मेन रोड एवं विभिन्न चौक-चौराहों पर कुल 150 डस्टबीन लगाए गए हैं। इसमें बड़े व छोटे दोनों प्रकार के डस्टबीन शामिल हैं। लेकिन यह शहर के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। अभी भी करीब 500 डस्टबीन की आवश्यकता है।

कचरा उठाव के लिए है 16 वाहन : शहर में कचरा उठाव के लिए नगर परिषद की ओर से दो ट्रैक्टर और 14 टीपर (पिकअप वैन) की व्यवस्था है। इसमें से दो टीपर फिलहाल खराब है। गंदगी पर प्रतिमाह का खर्च:

-- शहर में साफ-सफाई के लिए प्रतिमाह करीब 12 लाख 68 हजार रुपये खर्च होते हैं। इसमें सफाईकर्मियों के वेतन व वाहन ईंधन आदि का भुगतान शामिल है। लोगों द्वारा जमा कराए गए कर की राशि से ही सफाईकर्मियों व कचरा निस्तारण के खर्च का भुगतान किया जाता है। सफाई के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं है। सफाई की व्यवस्था बेहतर करने के लिए इसमें दोगुनी बढ़ोतरी की आवश्यकता है।

शहर के लिए हैं 165 सफाईकर्मी:

नगर परिषद के अधीन कुल 165 (महिल-पुरुष)सफाई कर्मी कार्यरत हैं। इसमें से 144 सफाईकर्मी का भुगतान प्रतिदिन के पारिश्रमिक के हिसाब से राशि भुगतान किया जाता है। जबकि स्थायी रूप से 31 सफाईकर्मी कार्यरत हैं। अभी भी शहर के हिसाब से सफाईकर्मियों की कमी है। शहर के कुल 28 वार्ड में दो-दो सफाई कर्मी के हिसाब से कुल 56 सफाईकर्मी तैनात हैं। जो झाड़ू लगाने का काम करते हैं। लेकिन हर वार्ड में कम से कम दस सफाई कर्मियों हिसाब से एवं कूड़ा उठाव के लिए करीब 180 कर्मियों की आवश्यकता है। कोट:

शहर की साफ-सफाई के लिए नगर परिषद प्रशासन पूरी तरह तत्पर है। साफ-सफाई के प्रति लोगों को भी जागरूक किया जाता है। सफाईकर्मियों व संसाधनों कमी को दूर करने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल उपलब्ध संसाधनों से ही शहर को स्वच्छ रखने के लिए नगर परिषद प्रशासन संकल्पित है। -- विभा देवी, नगर सभापति, नगर परिषद सीतामढ़ी। इन जगहों पर पसरी रहती है हमेशा गंदगी:

वार्ड 4 गोशाला चौक, रिगबांध सड़क, कोट बाजार नोनिया टोला मोहल्ला वार्ड 7, वार्ड 18 आयकर गली, मेला रोड, अस्पताल रोड, नगर उद्यान के सामने

तथा रिगबांध गणिनाथ मंदिर रोड वार्ड 14 में हमेशा गंदगी का ढेर लगा रहता है। इन जगहों से हर दिन कूड़ा का उठाव नहीं होने एवं नालियों की व्यवस्था दूरूस्त नहीं होने से गंदगी पसरी रहती है।

कोट:

-- वार्ड से गंदगी दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जल निकासी की व्यवस्था को दूरूस्त करने के लिए भी नाला का निर्माण कराया जा रहा है। कूड़ा का हर दिन उठाव के लिए पर्याप्त सफाईकर्मियों की व्यवस्था करने को नप प्रशासन को कहा गया है।

---- जितेंद्र प्रसाद, पार्षद वार्ड 18 इनबॉक्स में ::

कचरा व मिट्टी ढोने वाले वाहनों का ढंककर चलने का नियम हो लागू

सीतामढ़ी: वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालिक दोनों स्तर पर काम करना होगा और इसके लिए प्रशासनिक स्तर से त्वरित प्रयास की जरूरत है। नगरपरिषद को शहर के सभी सड़कों - गलियों की नियमित सफाई सुनिश्चित कराने के साथ ही कूड़ा कचरा को शहर से बाहर कर उसके प्रबंधन की व्यवस्था करनी होगी। कचरा ढोने वाले वाले वाहन हर हाल में ढंका रहना चाहिए। इसके अलावा मिट्टी लदे टेलर, हाइवा को भी ढंककर ही चलाने की अनुमति देनी चाहिए। कचरा उठाव में तत्परता तथा यत्र-तत्र कचरा डालने तथा जलाने पर पूरा प्रतिबंध हो। विवाह भवन तथा होटलों के कचरों के शीघ्र निस्तारण के प्रबंध किए जाए। जहरीला काला धुआं फेंकने वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाई जाए। जर्जर सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराई जाए, जबतक सड़कों की मरम्मत नहीं हो जाती उन सड़कों पर सुबह- शाम नियमित जल छिड़काव की व्यवस्था की जाए। प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले पौधे पर्याप्त तथा सस्ते दरों पर आपूर्ति कराई जाए। इस अभियान से आमजन को प्रदूषण के प्रकोप से बंचाने मे मदद मिलेगी ।

- डॉ.आनंद किशोर, विशेषज्ञ

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