आधा दर्जन नर्सिंग होम, जांच घर और अल्ट्रासाउंड केंद्र सील

अवैध जांच घर, एक्स-रे, क्लीनिक, नर्सिंग और अल्ट्रा साउंड के खिलाफ जारी अभियान के तहत शनिवार को एसडीओ सदर के आदेश पर पुलिस-प्रशासन की टीम ने शहर में सर्च ऑपरेशन चलाया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jan 2019 12:03 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jan 2019 12:03 AM (IST)
आधा दर्जन नर्सिंग होम, जांच घर और अल्ट्रासाउंड केंद्र सील
आधा दर्जन नर्सिंग होम, जांच घर और अल्ट्रासाउंड केंद्र सील

सीतामढ़ी। अवैध जांच घर, एक्स-रे, क्लीनिक, नर्सिंग और अल्ट्रा साउंड के खिलाफ जारी अभियान के तहत शनिवार को एसडीओ सदर के आदेश पर पुलिस-प्रशासन की टीम ने शहर में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान टीम ने मानक का पालन नहीं करने को लेकर सीतामढ़ी शहर से सटे राजोपट्टी शिव मंदिर स्थित डॉ. रणजीत कुमार की रणजीत क्लीनिक, कारगिल चौक स्थित नेशनल अल्ट्रा साउंड, डॉ. अली और डॉ. महेर अंजूम व साहू चौक स्थित डॉ. आरबी ठाकुर की रितेश डायग्नोस्टिक सेंटर को सील कर दिया। जबकि कारगिल चौक स्थित परिहार अल्ट्रा साउंड और सुंदर जांच घर के चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र कुमार को एक सप्ताह के भीतर कागजात जमा कराने के लिए नोटिस थमाया। जांच टीम ने वैसे क्लीनिक, नर्सिंग होम, जांच घर और अल्ट्रा साउंड को सील किया है, जो मानक का पालन नहीं कर रहे थे, वहीं जांच के दौरान संचालकों ने संचालन से संबंधित कोई कागजात नहीं दिखाया। प्रशासनिक टीम की छापेमारी से इलाके के कई अवैध क्लीनिक, नर्सिंग होम, जांच घर और अल्ट्रा साउंड केंद्रों में ताले लटक गए। कई चिकित्सक क्लीनिक छोड़ कर फरार हो गए। जांच टीम में कार्यपालक दंडाधिकारी शीलानाथ सिन्हा, डुमरा पीएचसी के चिकित्सक डॉ. कुणाल शंकर, नगर थाना के अवर निरीक्षक अशोक कुमार दास और सशस्त्र बल शामिल थे। कार्यपालक दंडाधिकारी शीलानाथ सिन्हा ने बताया कि शहर में चल रहे अवैध क्लीनिक, नर्सिंग होम, जांच घर, एक्सरे और अल्ट्रा साउंड के खिलाफ कार्रवाई केलिए एसडीओ सदर मुकुल कुमार गुप्ता द्वारा टीम का गठन किया गया है। एसडीओ सदर के आदेश पर शनिवार को छापेमारी की गई है। इसमें कई प्रतिष्ठानों को सील किया गया है। एसडीओ सदर के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि इन अवैध प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। मानक का पालन नहीं करने और बगैर प्रशासनिक स्वीकृति के संचालन पर इन केंद्रों को अवैध मानते हुए सील किया जाएगा। इसके पूर्व 5 जनवरी को अधिकारियों की टीम ने सीतामढ़ी शहर के अस्पताल रोड स्थित श्यामा डायग्नोस्टिक सेंटर और महावीर एक्सरे को सील कर दिया था। वहीं जीएस जांच घर के संचालक और निजी क्लीनिक संचालक डॉ. अतीक को एक सप्ताह के भीतर कागजात जमा कराने का आदेश दिया था।

डॉ. नीलमणी के क्लीनिक पर फिर छापेमारी, शेष बचे कमरे किए गए सील सीतामढ़ी, संसू : सील नर्सिंग होम का ताला तोड़ कर फर्जी नर्सिंग होम संचालन करने के मामले में शनिवार को एक बार फिर पुलिस-प्रशासन की टीम ने शहर के अस्पताल रोड स्थित डॉ. नीलमणी के नर्सिंग होम को सील कर दिया है। कार्यपालक दंडाधिकारी शीलानाथ सिन्हा, डुमरा पीएचसी के चिकित्सक डॉ. कुणाल शंकर और नगर थाना के अवर निरीक्षक अशोक कुमार दास की टीम ने शनिवार को डॉ. नीलमणी के कई कमरों को सील किया। बताते चलें की बार-बार सील करने के बावजूद सील तोड़ कर क्लीनिक संचालन करने के मामले में 27 दिसंबर को डॉ1 नीलमणी के क्लीनिक पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान चिकित्सक के कंपाउंडर दिनेश ¨सह को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि मौके से चिकित्सक फरार हो गया था। तीन दिन बाद पुलिस ने कंपाउंडर को मुक्त कर दिया था। हालांकि मरीज भर्ती करने के चलते इस क्लीनिक के कई कमरों को छोड़ दिया गया था। दो दिन बाद पुलिस ने मरीज से कमरा खाली करा लिया था। इसी बीच शनिवार को पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम ने शेष बचे कमरों को सील कर दिया। बताते चलें कि मुजफ्फरपुर निवासी डॉ. नीलमणी नामक चिकित्सक के प्रमाणपत्र पर फर्जी तरीके से नर्सिंग होम का संचालन करने वाले तथाकथित डॉ. नीलमणी का असली नाम नीरज कुमार है। डॉ. नीलमणी उर्फ नीरज कुमार मूल रूप से शिवहर जिले के लालगढ़ योगिया गांव का रहने वाला है। मुजफ्फरपुर में कम्पाउंडर का काम करने वाले डॉ. नीलमणी उर्फ नीरज कुमार ने सीतामढ़ी शहर के अस्पताल रोड में निजी अस्पताल खोल गरीब मरीजों का आर्थिक दोहन करने का काम शुरू किया। इस क्लीनिक को 22 अप्रैल 2015 से अब तक 8 बार सील किया जा चुका है। डॉ. नीलमणी पर फर्जी तरीके से अवैध नर्सिंग होम चलाने, सील नर्सिंग होम का ताला तोड़ संचालन करने व प्रमाणपत्र जमा करने के बजाए प्रशासन को दिग्भ्रमित करने के लिए खुद से रंगदारी मांगे जाने की साजिश रचने समेत कई मामले नगर थाने में दर्ज है। नीलमणी के फर्जी प्रमाण पत्र का मामला तब सामने आया जब एक मरीज ने कोर्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसमें चिकित्सकों की संस्था द्वारा जारी सूची का हवाला देते हुए बताया कि यह नीलमणी फर्जी है। वहीं जब प्रमाण पत्र गायब होने के मामले में प्राथमिकी के लिए डॉ. नीलमणी ने नगर थाने में आवेदन दिया तो पुलिस ने उसके नाम और पते की गड़बड़ी पकड़ी।

chat bot
आपका साथी