रुन्नीसैदपुर में मनुषमारा की तबाही से बचाने के लिए अविलंब कारगर कदम उठाए सरकार
रुन्नीसैदपुर में मनुषमारा नदी की धारा को एक निश्चित दिशा देकर इलाके को हर साल के जलप्रलय की नौबत से छुटकारा दिलाने के लिए किसानों ने संघर्ष का बीड़ा उठाया है। शिवहर के पूर्व डीडीसी व सेवानिवृत्त आइएएस अशोक कुमार सिंह की पहल पर इसकी शुरुआत की गई है।
सीतामढ़ी । रुन्नीसैदपुर में मनुषमारा नदी की धारा को एक निश्चित दिशा देकर इलाके को हर साल के जलप्रलय की नौबत से छुटकारा दिलाने के लिए किसानों ने संघर्ष का बीड़ा उठाया है। शिवहर के पूर्व डीडीसी व सेवानिवृत्त आइएएस अशोक कुमार सिंह की पहल पर इसकी शुरुआत की गई है। मनुषमारा संघर्ष समिति के बैनर तले अथरी पैक्स भवन परिसर में किसानों ने बैठक की। अध्यक्षता पैक्स अध्यक्ष यदुनंदन प्रसाद सिंह ने की। जिसमें बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण विभाग के एक सहायक अभियंता अरुण कुमार भी खास तौर पर मौजूद थे। किसानों के अनुसार, गैर योजनाबद्ध तरीके से तथा बेमतलब मनुषमारा की मुख्य धारा को बेलसंड के कंसार में अवरुद्ध कर दिया गया। फिर नदी की दिशाहीन धारा को बसौल में निर्मित स्लूइस द्वारा पहुंचा दिया गया। नतीजतन, करीब दो दशक से जलजमाव की गंभीर समस्या बनी है। जलजमाव से मुक्ति के नाम पर जो चैनल बनाए गए वह भी उचित तटबंध के अभाव में बेकार साबित हुए। अभियंता अरुण कुमार ने कहा कि चंदौली में बागमती तटबंध पर निर्मित स्लूइस का बेड मनुषमारा की धारा से करीब दो मीटर ऊपर है। नतीजतन नदी के पानी को उक्त स्लूइस से बागमती नदी में नहीं गिराया जा सकता है। यह भी कि बसौल गांव के समीप निर्मित स्लूइस को बंद करने से ऊपर के स्ट्रीम में गांवों में पानी का फैलाव होने लगता है। यह तय हुआ कि मनुषमारा की धारा के अवरोध को हटाकर उसे बागमती में मिलाने व नव निर्मित चैनल के उचित गहराई व तटबंध निर्माण कराने से संबंधित प्रस्ताव सरकार तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में उप प्रमुख भूपेंद्र नारायण सिंह, कामेश्वर सिंह, आलोक कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, रविद्र प्रसाद सिंह, डा.रामाधार शर्मा, प्रेमशंकर सिंह, प्रदीप कुमार, राजेंद्र कुमार, अवधेश कुमार, हरिशंकर सिंह, रेवती रमण सिंह व प्रेमशंकर सिंह मौजूद थे।