हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गोपाष्टमी का त्योहार
सीतामढ़ी। एक सौ उनतीस वर्ष पुराने श्री सीतामढ़ी गोशाला के प्रांगण में गोपाष्टमी कार्यक्रम शुक्र
सीतामढ़ी। एक सौ उनतीस वर्ष पुराने श्री सीतामढ़ी गोशाला के प्रांगण में गोपाष्टमी कार्यक्रम शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर 130 वें वर्ष में प्रवेश कर रहे श्री सीतामढ़ी गोशाला को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। पुजारी रामगणेश झा द्वारा गौशाला परिसर में स्थित गोपाल कृष्ण मंदिर में उपस्थित भगवान कृष्ण कन्हैया का मनोहारी श्रृंगार किया गया। गोपाष्टमी पर अहले सुबह से महिला व पुरूष श्रद्धालुओं ने गो माता का पूजन कर परिक्रमा की। साथ ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने गोशाला आकर गायों की पूजा कर भोजन कराया। सुबह में गो पूजन और गो परिक्रमा के बाद, गायों की शोभा यात्रा द्वारा नगर परिभ्रमण किया गया। अपराह्न में हवन यज्ञ का आयोजन हुआ, हवन द्वारा वातावरण की शुद्धि और गाय माता को प्रसन्न करने परंपरा रही है। हवन पंडित शिवानन्द झा ने कराया। वहीं गोपाष्टमी की संध्या में भजनों की सुर लहरी से श्रद्धालु आनंदित हुए। गायक कलाकारों ने भगवान गोपाल कृष्ण और गौओं को राम नाम धुन का श्रवण कराया और उपस्थित गो प्रेमियों ने भी आनंद लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंत्री प्रमोद हिसारिया, सजन हिसारिया, शिव कुमार प्रसाद, नरोत्तम व्यास, इन्द्रचंद्र शर्मा, अरविन्द जालान, राजीव कुमार गुड्डू, राजेश कुमार सुन्दरका, हरिनारायण राय, नागेन्द्र पूर्वे आदि उपस्थित थे। कार्य समिति सदस्य राजेश कुमार सुन्दरका ने बताया कि इस अवसर पर कई गो भक्त जन्म तिथि, पुण्यतिथि व अपने विशेष आयोजन पर गोशाला में सवामनी कर गो माता को मीठा हलवा का सेवन भी कराते हैं। कहा कि गाय कलियुग में संजीवनी स्वरूपा है, गाय मानव जीवन में माता की भूमिका का निर्वाह करती है। गाय का दूध अमृत के सामान होता है और मूत्र औषधि का काम करता है। आज के आधुनिक युग में भी श्री सीतामढ़ी गौशाला गाय से मानव जीवन का सरोकार जारी रखते हुए 129 वर्षों से निरंतर गायों की सेवा में संलग्न है।