स्वनिधि योजना से वंचित छोटे कारोबारियों को मिलेगा लाभ, सर्वे का काम तेज

सीतामढ़ी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना (स्वनिधि योजना)। इसका मतलब बिना गारंटी का सस्ता लोन। के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:44 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:44 PM (IST)
स्वनिधि योजना से वंचित छोटे कारोबारियों को मिलेगा लाभ, सर्वे का काम तेज
स्वनिधि योजना से वंचित छोटे कारोबारियों को मिलेगा लाभ, सर्वे का काम तेज

सीतामढ़ी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना (स्वनिधि योजना)। इसका मतलब बिना गारंटी का सस्ता लोन। केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से न सिर्फ शहर में अब तक कई रेहड़ी-पटरी वालों को लॉकडाउन के कारण डूब रहे धंधों को उबार लिया है, बल्कि वंचित छोटे कारोबारियों को इसका लाभ दिए जाने को लेकर सर्वे का काम तेज कर दिया गया है। नगर प्रशासन के निर्देश पर इन दिनों कर्मियों द्वारा ऐसे दुकानदारों को चिन्हित किया जा रहा है जिन्हें अपना काम नए सिरे से शुरू करना है, लेकिन पूंजी खत्म हो चुकी है। चलिए आपको इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देते हैं और जानते हैं इसका फायदा कौन और कैसे उठा सकते हैं। क्या है प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना : दरअसल कोरोना से बचाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का मंजर शायद ही कोई भूल पाएगा। खासकर वैसे लोग, जो दिनभर सड़क किनारे बहुत ही छोटे तौर पर व्यवसाय कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण का इंतजाम बड़ी मुश्किल से कर पाते थे। महीनों लॉकडाउन लागू रहने के कारण रेहड़ी-पटरी के दुकानदारों की हालत खस्ता हो रही थी। उन्हें अपना काम नए सिरे से शुरू करना था, लेकिन पूंजी खत्म हो गई। ऐसे में पीएम स्वनिधि योजना छोटे-मोटे धंधे करने वालों के लिए 10 हजार रुपये का लोन आसान शर्तों पर लेकर आई। इस योजना का लाभ यहां भी शहरी क्षेत्र को दिए जाने कवायद जारी है। कितना है ब्याज, क्या है योजना का लाभ : इस योजना के तहत रियायती दरों पर कर्ज दिया जाता है। समय से कर्ज का भुगतान करने वालों को ब्याज में खास छूट भी दी जाती है। स्ट्रीट वेंडर सीधा 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं। जिसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को सात फीसद का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर उनके अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा। इस योजना के तहत जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। कोरोना संकट के समय कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने का काम करेगी। योजना का इन्हें दिया जाना है लाभ : इसके अंतर्गत रेहड़ी पटरी वालों को अपना काम दोबारा से शुरू करने के लिए सरकार द्वारा लोन मुहैया कराना। इनमें नाई की दुकान, जूता गांठने वाले (मोची), पान की दुकानें (पनवाड़ी), कपड़े धोने की दुकानें (धोबी), फल व सब्जियां बेचने वाले, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय का ठेला या खोखा लगाने वाले, ब्रेड, पकौड़े व अंडे बेचने वाले, फेरीवाले जो वस्त्र बेचने वाले, मीट-मछली, किताब व स्टेशनरी लगाने वाले और कारीगर उत्पाद आदि शामिल है। इस ऋण का समय से कर्ज का भुगतान करने वालों को ब्याज में खास छूट भी दी जाती है। शहर में पांच दर्जन वेंडरों को मिला है लाभ : नगर पंचायत जनकपुर रोड द्वारा प्रथम चरण में अब तक चिन्हित 60 वेंडरों के बीच प्रमाणपत्र के साथ पहचान पत्रों का वितरण किया गया है। कार्यपालक पदाधिकारी अजित कुमार शर्मा ने इन्हें बिना गारंटी के प्रति लाभुक 10 हजार रुपये ऋण मुहैया कराया जाएगा। बताया कि इससे इन छोटे दुकान व व्यवसाय करने वालों को डिजिटल लेनदेन करने पर 100 रुपये कैश बैक का भी फायदा मिलेगा। इसके अलावा समय से ऋण चुकाने पर भविष्य में ऋण की राशि बढ़ाकर दस हजार से पचास हजार तक कर दी जाएगी। बताया एक लक्ष्य के तरह सर्वे का कार्य किया जा रहा।

chat bot
आपका साथी