हंसिया लेकर धान के खेत में पहुंच गए डीएम, अपने हाथों फसल काट देखा उपज की हाल
सीतामढ़ी। इस साल बाढ़-बरसात व चक्रवाती तूफान वगैरह के कहर से फसल फैसल तो वैसे ही चौपट हो गई है। किसान बेहाल-परेशान हैं। खेतों में धान की फसल कट रही है।
सीतामढ़ी। इस साल बाढ़-बरसात व चक्रवाती तूफान वगैरह के कहर से फसल फैसल तो वैसे ही चौपट हो गई है। किसान बेहाल-परेशान हैं। खेतों में धान की फसल कट रही है। सड़-गल कर जो भी फसल बची है अब उसमें से अनाज का कितना दाना निकलकर किसानों के हाथ में आता है यह देखनेवाली बात होगी। इस बीच जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव उपज का हाल देखने पहुंच गए। डुमरा प्रखंड के मधुबन पंचायत में हंसिया लेकर धान के खेत में डीएम उतरे। अपने हाथों फसल काटी और उपज का हाल भी देखा। किसी कलेक्टर को धान की कटनी करता देखनेवालों के लिए यह नजारा किसी कौतूहल से कम नहीं था। डीएम के साथ उनका काफिला खेतों में उतरा था। यह देखकर गांव वालों का भी हुजूम उमड़ पड़ा। पता चला किसी डीएम को हर साल फसल कटनी प्रयोग करना होता है। पिछले साल अभिलाषा कुमारी शर्मा भी इस पद पर रहते हुए इसी तरह कटनी करने खेत में पहुंच गई थीं। डीपीआरओ परिमल कुमार ने बताया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना अन्तर्गत अगहनी धान फसल के कटनी प्रयोग का डीएम ने शुक्रवार को इस पंचायत में निरीक्षण किया। फसल कटनी प्रयोग उत्पादन एवं उपज दर, क्षति के ²ष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। कटनी का प्रयोग संभाविक रैंडम पद्धति से निकालकर प्लॉट का चयन किया जाता है, जिसमें प्लॉट का कट साइज 10 मीटर लंबा एवं पांच मीटर चौड़ा यानी कुल 50 वर्ग मीटर में किया जाता है। कटनी में कुल 16 किलो 900 ग्राम धान का उपज पाया गया। जिलाधिकारी ने स्थानीय किसानों से बात की। उनकी समस्याएं सुनी। कृषि योजनाओं एवं कार्यक्रमों का भी फीडबैक लिया। डीएम के साथ जिला सांख्यिकी पदाधिकारी विजय कुमार पांडेय, जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयक भी उपस्थित थे।