खेत में सूख रहे गन्ना, तीन चीनी मिलों ने बंद किया पेराई

सीतामढ़ी। ईंखोत्पादक संघ की एक टीम ने रीगा चीनी मिल क्षेत्र के दर्जनों गांवों का दौरा कर खेत

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 12:25 AM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 12:25 AM (IST)
खेत में सूख रहे गन्ना, तीन चीनी मिलों ने बंद किया पेराई
खेत में सूख रहे गन्ना, तीन चीनी मिलों ने बंद किया पेराई

सीतामढ़ी। ईंखोत्पादक संघ की एक टीम ने रीगा चीनी मिल क्षेत्र के दर्जनों गांवों का दौरा कर खेतों में लगे गन्ने का आकलन किया। इस दौरान किसानों से बातचीत कर इस नतीजे पर पहुंची कि इलाके के गन्ना किसानों के साथ धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये की लूट-खसोट की गई है। टीम के सदस्यों ने रीगा, सोनार, मौदह,बेलाही जयराम, गजहरवा, पोखरभिडा महादेव सुनौल, डायनकोठी, मुबारकपुर, हीरोलबा, दादनचक गम्हरिया, सुनौल खान, मनियआरी, रामनगरा, मथुरापुर मरपा आदि दर्जनों गांव का दौरा किया और खेतों में लगे गन्ने का मुआयना किया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने सैकड़ों किसानों की जुबानी बर्बादी की कहानी सुनी। गजहरवा गांव के हरिकिशोर सिंह, चुन्नू सिंह, गोपाल प्रसाद सिंह सहित दर्जनों के खेतों में अभी भी दस हजार क्विटल गन्ना लगा हुआ है। बेलाही जयराम गांव के योगेंद्र सिंह बताते हैं कि उनके पास अभी 15 ट्रेलर गन्ना खेतों में खड़ा है। जबकि उसी गांव के शेखर सिंह, निर्मल सिंह, सुरेंद्र सिंह तथा दिनेश साह सहित दो दर्जन से अधिक किसानों ने कहा कि कुछ समझ में नहीं आता है। वही, हिरोलवा मठिया, सिजुआ डुमरी,बराही आदि गांव में सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल खेत में सूख रही है। हर जगह यही समस्या है।

मालूम हो कि रीगा चीनी मिल बंद हो जाने के बाद सरकार ने गोपालगंज, सिधवलिया और मझौलिया चीनी मिलों को 12 लाख क्विटल गन्ना की खरीद करने का आदेश जारी किया था। लेकिन, इन मिल वालों ने जो कुछ गन्ना की खरीद की, उसके लिए नियमानुसार वैध तौल कांटा नहीं लगाया और बिचौलियों के मार्फत सवा सौ, डेढ़ सौ रुपये की कीमत पर किसानों को गन्ना बेचने पर मजबूर कर दिया। इस बीच सरकारी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए तीनों मिल वालों ने रीगा चीनी मिल क्षेत्र में करीब 5-6 लाख क्विटल से अधिक गन्ना खेतों में छोड़कर मिल बंद कर दिया।

गन्ने का करना चाहिए आकलन व और मूल्यांकन

ईंखोत्पादक संघ के इस भ्रमण टीम में शामिल संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह, लखन देव ठाकुर, अनूठा लाल पंडित एवं मदन मोहन ठाकुर का कहना है कि किसानों के खेतों में लगे गन्ने का आकलन और मूल्यांकन किया जाना चाहिए एवं उसका हर्जाना चीनी मिलों से वसूल कर किसानों के खाते में डालना चाहिए। साथ हीं किसानों के साथ किए गए धोखाधड़ी के विरुद्ध गोपालगंज, सिधवलिया एवं मझौलिया चीनी मिल के दखलकारों के विरुद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज की जानी चाहिए।

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