गोयनका कॉलेज के प्राचार्य की कुर्सी पर कौन बैठेगा, फैसला आज

एसआरके गोयनका कॉलेज में सोमवार को भी प्राचार्य डॉ. रामनरेश पंडित के कक्ष का ताला नहीं खोला जा सका।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 12:57 AM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2020 12:57 AM (IST)
गोयनका कॉलेज के प्राचार्य की कुर्सी पर कौन बैठेगा, फैसला आज
गोयनका कॉलेज के प्राचार्य की कुर्सी पर कौन बैठेगा, फैसला आज

सीतामढ़ी। एसआरके गोयनका कॉलेज में सोमवार को भी प्राचार्य डॉ. रामनरेश पंडित के कक्ष का ताला नहीं खोला जा सका। मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारियों को बैरंग वापस हो जाना पड़ा। जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट राजीव रंजन, डुमरा बीडीओ मुकेश कुमार, नगर थानाध्यक्ष प्रभात सक्सेना दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए कॉलेज पहुंचे थे। विश्वविद्यालय की ओर से प्राचार्य बहाल डॉ. रामनरेश पंडित को कुर्सी पर काबिज कराना था मगर, आंदोलित शिक्षक एवं कर्मचारियों ने ऐसा नहीं होने दिया। कहा कि कुलपति को खुद फैसला करना होगा कि इस कॉलेज का प्राचार्य कौन होगा। प्राचार्य कक्ष की चाबी उनको इस शर्त पर सौंप दी जाएगी कि डॉ. पंडित को दोबारा भेजा गया तो हम सबका सामूहिक तबादला कर दिया जाए। आखिरकार इसी फैसले पर दोनों ही पक्ष राजी हो गया। इस मौके पर कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर कुलानुशासक प्रो.राकेश कुमार सिंह व पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. पंकज कुमार, सहायक नलिन कुमार बैरागी भी मौजूद थे। प्राचार्य को कुर्सी पर काबिज कराने की जद्दोजहद काम न आई

प्रशासन की ओर से ताला काटने के लिए गैस कटर भी लाया गया था। इसको लेकर कुछ देर के लिए कॉलेज कर्मी व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच माहौल गरमा गया। लेकिन, अधिकारियों ने मामले को शांत कराया। वही, सदर एसडीओ कुमार गौरव ने भी कुलपति से मोबाइल पर वार्ता कर स्थिति से अवगत कराया। कॉलेज कर्मियों का कहना था कि अगर प्राचार्य डॉ. पंडित को विश्वविद्यालय की ओर से चाबी सौंपी गई तो वे लोग इसका विरोध नहीं करेंगे लेकिन, कुलपति से सामूहिक स्थानांतरण किए जाने का आग्रह करेंगे। इनकी मांग है कि निलंबित कर्मियों का निलंबन वापस लिया जाए तथा उनके डेढ़ वर्ष से बकाया जीवन यापन भत्ता का भुगतान किया जाए। साथ ही दैनिक वेतन भोगी कर्मियों का बकाया वेतन का भुगतान और प्राचार्य क्वार्टर में हुई चोरी के मामले में दर्ज मामले में कार्रवाई की जाए। प्राचार्य क्वार्टर में ठेकेदार उपेंद्रनाथ तिवारी रहा करते थे। डॉ. पंडित को प्राचार्य के रूप में नहीं करेंगे स्वीकार

कार्य बहिष्कार कर रहे कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने यह कहकर समझौता करने से इनकार कर दिया कि वे सभी लोग मंगलवार को कुलपति को कॉलेज की चाबी सौंपेंगे। कुलपति निर्णय करेंगे कि चाबी किसे देंगे। जिसे भी देंगे उसका विरोध कॉलेज कर्मी नहीं करेंगे। मगर, उनको प्राचार्य के रूप में स्वीकार भी नहीं करेंगे। विश्वविद्यालय की ओर से भी कुलानुशासक प्रो. राकेश कुमार सिंह व पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो.पंकज कुमार भी ताला खुलने के बाद सामान की सूची बनाने के लिए यहां पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के सचिव प्रो. जगजीवन प्रसाद, प्रो. श्याम किशोर सिंह, डॉ. हसन मुस्तफा, डॉ. रेणु ठाकुर, डॉ. वेदप्रकाश दुबे, डॉ. श्रीकांत अराले, प्रो. राकेश कुमार, प्रधान सहायक संजय शर्मा सहित दैनिक वेतनभोगी कर्मी संघ के अध्यक्ष शिवनाथ साह, सचिव अनिल कुमार आदि कॉलेज में मौजूद थे। आज प्राचार्य कक्ष का ताला खोलने के आश्वासन पर छात्र मोर्चा ने तोड़ा अनशन

प्राचार्य डॉ. राम नरेश पंडित के कक्ष में लगाए गए ताला को खोलने सहित अन्य मांगों के समर्थन में गोयनका कॉलेज अस्मिता बचाओ छात्र मोर्चा 11 दिनों से जारी धरना तथा 3 दिनों से जारी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सोमवार को समाप्त हो गया। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. राकेश कुमार सिंह, पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. पंकज कुमार, सहायक नलिन कुमार बैरागी एवं जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट राजीव रंजन, डुमरा बीडीओ मुकेश कुमार, नगर थानाध्यक्ष प्रभात सक्सेना द्वारा अनशनकारी फेकन मंडल एवं छात्र सुधीर चौरसिया को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया। अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज कर्मियों की ओर से कॉलेज की गरिमा को देखते हुए ताला नहीं तोड़ने तथा ताला की चाबी कुलपति को मंगलवार को सौंपने का आश्वासन दिया गया है। उसके बाद ताला खोला जाएगा। छात्र मोर्चा के संयोजक मंडल सदस्य सह छात्र नेता उमेश कुमार पासवान मदन राम, नीरज मंडल, धनंजय साहनी, रजनीश यादव,एवं संजय पासवान ने कहां कि, यदि विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो दो जुलाई से पुन: फेकन मंडल के साथ हम सभी छात्र आमरण-अनशन पर बैठेंगे।

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